राजगीर दौरे पर CM नीतीश,वैभारगिरी पहाड़ का लिया जायजा..अगलगी से हुई नुकसान पर अधिकारियों को दिए कई निर्देश

 राजगीर दौरे पर CM नीतीश,वैभारगिरी पहाड़ का लिया जायजा..अगलगी से हुई नुकसान पर अधिकारियों को दिए कई निर्देश
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजगीर पहुंचे हैं..यहां पहुंचने पर उन्हौने सबसे पहले हेलीकॉप्टर के जरिए वैभारगिरी पहाड़ का निरीक्षण किया और आग से हुई नुकसान का जायजा लिया है।वही बता दें कि हवाई निरीक्षण के बाद सीएम कुमार ने अधिकारियों के साथ कन्वेंशन सेंटर में बैठक की है.इस बैठक में जिलाधिकारी एवं एसपी के साथ ही अन्य विभाग के अधिकारी मौजूद रहे.सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार औषधीय पौधे से भरी वैभारगिरी पहाड़ पर आगलगी की घटना से सीएम नीतीश कुमार काफी नाराज हैं,क्योंकि आग से नुकसान उससे कहां ज्यादा है,जितना इनपुट्स जिला प्रशासन द्वारा सीएम कार्यालय को दी गई थी.nitish kumar jpg 1680677758वही इधर बतातें चले कि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की है। हरीश रावत नीतीश के पटना स्थित आवास पर जाकर मिले है। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि, रावत की ओर से इसे औपचारिक मुलाकात बताया गया। दोनों नेताओं के बीच करीब 10 मिनट बातचीत हुई।वही कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री का अचानक बिहार दौरा कर सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात करना बीजेपी को रास नही आ रहा है बीजेपी खेमे में खलबली मची हुई है।वही मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावतएवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत बुधवार को पटना पहुंचे।उन्होंने एक अणे मार्ग स्थित सीएम नीतीश के सरकारी आवासपर जाकर उनसे मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच मौजूदाराजनीतिक हालात और समीकरणों को लेकर बात हुई। कुछदेर बात करने के बाद रावत सीएम आवास से निकल गए।वहीं, राजनीतिक जानकार हरीश रावत और नीतीश कुमार की मुलाकात को सियासी रूप से महत्वपूर्ण बता रहे हैं।दरअसल आपको बतातें चले कि हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव 2024 में विपक्षी दलों को एकजुट करने की मुहिम पर काम कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने पिछले दिनों दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी नेता राहुल गांधी, दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और वाम दलों के नेताओं से मुलाकात की थी। नीतीश के दिल्ली दौरे के बाद चर्चा है कि उन्हें यूपीए का संयोजक बनाया जा सकता है और वे आगामी चुनाव में सभी विपक्षी नेताओं को एक छतरी के नीचे लाकर उनका नेतृत्व करेंगे।

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