गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने पर कांग्रेस का केंद्र सरकार पर बड़ा हमला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एक कमेटी ने गोरखपुर स्थित गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया है. विपक्षी कांग्रेस ने इसपर सवाल उठाए हैं. पार्टी के प्रवक्ता जयराम रमेश का कहना है कि प्रेस को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाना, सावरकर और गोडसे को सम्मानित किए जाने के बराबर है. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित गीता प्रेस खासतौर पर धार्मिक ग्रंथों की प्रिंटिंग करता है.पीएम की अगुवाई वाली ज्यूरी कमेटी का मानना है कि अहिंसा और गांधीवादी तरीकों से इस प्रेस ने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक बदलावों में बड़ा योगदान दिया है. कांग्रेस नेता ने अक्षय मुकुल कि लिखित ‘गीता प्रेस एंड द मेकिंग ऑफ हिंदू इंडिया’ किताब का कवर पेज शेयर किया है. रमेश ने बताया कि इस किताब में उन्होंने गीता प्रेस और महात्मा गांधी के बीच संबंधों का जिक्र किया है. जयराम रमेश ने गीता प्रेस के राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक एजेंडे का जिक्र किया और कहा कि गांधी शांति पुरस्कार से इस प्रेस को सम्मानित किया जाना, असल में सावरकर और गोडसे को सम्मानित किए जाने के बराबर है. वही दूसरी तरफ बता दें कि इधर आज हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा पार्टी सोमवार को राज्य की महागठबंधन सरकार से समर्थन वापसी का पत्र सौंपने राज्यपाल को सौंपेगी। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के नेतृत्व में सभी विधायक दोपहर बाद राजभवन जाएंगे। पार्टी ने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है। अभी हम के चार विधायक और एक एमएलसी हैं। इससे पहले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं।महागठबंधन से समर्थन वापसी के बाद हम पार्टी के एनडीए में शामिल होने की संभावना है। इसके लिए गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पार्टी संरक्षक जीतन राम मांझी और राष्ट्रीय अध्य संतोष सुमन दिल्ली जाएंगे। सूत्रों के अनुसार भाजपा के अन्य नेताओं से भी मुलाकात होगी। सोमवार को 11 बजे से राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के 12, एम स्ट्रैंड रोड स्थित आवास पर होगी। प्रधान महासचिव राजेश पांडेय ने बैठक बुलाई है। प्रवक्ता अमरेंद्र कुमार त्रिपाठी ने ताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन की अध्यक्षता में बैठक होगी।