मायावती के वोट बैंक पर कांग्रेस ने डाल रखी है नजर,सतर्क हुई बीएसपी
देश में अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले सभी पार्टियां अलग-अलग तरीके से जनता के दिलों में अपनी जगह बनाने का काम शुरु कर चुकी है. लोकसभा में जीतने के लिहाज यूपी बेहद अहम राज्य है क्योंकि इस राज्य से 80 सीटें आती है. इन सीटों पर जीत हासिल करने के लिए सभी राजनीतिक दलों की नजरें प्रदेश के दलित वोटरों पर हैं. दरअसल प्रदेश में 22 फीसदी दलित मतदाता हैं जो किसी भी चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. ऐसे में बीजेपी से लेकर सपा, बसपा, कांग्रेस सभी पार्टियां दलितों को लुभाने की कोशिशों में लग गई हैं. यही कारण है कि बसपा के संस्थापक कांशीराम की जयंती पर यानी 9 अक्टूबर 2023 को कांशीराम के जरिए सभी दल दलितों को लुभाकर अपने खेमे में लाने में लगे हैं. इसके लिए तमाम राजनीतिक दलों ने बड़े स्तर पर तैयारी भी कर ली है. जहां भारतीय जनता पार्टी ने बस्ती संवाद कार्यक्रम शुरु किया तो वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने पीडीए के जरिए दलितों को अपनी तरफ करने की कोशिश की. इसी बीच कांग्रेस ने भी दलित वोटों में सेंध लगाने का मेगा प्लान तैयार कर लिया है.दरअसल कांशीराम की जयंती के मौके पर कांग्रेस पार्टी ने आज से उत्तर प्रदेश में दलित संवाद, दलित गौरव यात्रा की शुरुआत करने की घोषणा कर दी है. कांग्रेस का ये कार्यक्रम 9 अक्टूबर से 26 नवंबर तक चलेगा, इस संवाद सीरीज में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और दलित वोटरों को जोड़ने की कोशिश की जाएगी. कांग्रेस ने इस संवाद श्रृंखला के जरिए आने वाले 45 दिनों में लगभग 1,00,000 से ज्यादा दलित परिवारों को लुभाने का लक्ष्य रखा है. इस यात्रा के दौरान 75 जिलों में लगभग 4,000 ‘रात्रि चौपाल’ आयोजित किए जाएंगे और हर कार्यक्रम के बारे में जानकारी देने के लिए एक संवाददाता सम्मेलन होगा. इस संवाद सीरीज के दौरान कांग्रेस दलितों से ‘दलित अधिकार मांग पत्र’ भरवाने के अलावा यात्राएं भी निकालेगी. कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने इंडिया टुडे को बताया कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में करीब 500 मांग पत्र भरे जाने हैं.यूपी कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने कहा, ‘इस गौरव यात्रा के तहत हम दलितों के बीच उनके अधिकारों और राज्य में वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए अपना अभियान शुरू कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि प्रदेश की जनता इस काम में हमारा साथ देगी. ”पार्टी के सूत्रों ने बताया कि इस यात्रा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, जो खुद एक दलित हैं, पश्चिमी यूपी में संवाद कार्यक्रमों में भाग ले सकते हैं. वहीं यूपी कांग्रेस के संगठन सचिव अनिल यादव ने कांशीराम की पुण्य तिथि पर शुरू होने वाली संवाद सीरीज पर कहा, ”कांशीराम दलित समुदाय के सबसे बड़े राजनीतिक नेता थे. हम यह संदेश देना चाहते हैं कि कांग्रेस उनके मुद्दों को उठा रही है और उन्हें पार्टी संगठन में उचित प्रतिनिधित्व दे रही है. हम 100,000 प्रभावशाली दलितों (प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 250) से जुड़ेंगे. इन आयोजनों के माध्यम से हमारी पार्टी प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में दलित एजेंडे पर भी चर्चा करेगी।
कांग्रेस नेताओं का दावा है कि ‘दलित गौरव संवाद’ कांग्रेस की नई ‘पिछड़ा पहुंच’ का हिस्सा है, जिसमें राहुल गांधी जाति जनगणना और समुदायों के लिए जनसंख्या के अनुसार लाभ की हिस्सेदारी की मांग कर रहे हैं. सियासी गलियारों में तो चर्चा ये भी है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को उत्तर प्रदेश से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी है. चर्चा तो ये भी है कि मल्लिकार्जुन खरगे के लिए उत्तर प्रदेश की उस सीट को चिन्हित किया गया है, जहां से बसपा संस्थापक कांशीराम जीतकर पहली बार सांसद पहुंचे थे.हालांकि खरगे के यूपी के किस सीट से चुनावी मैदान में उतारते हैं ये तो बाद की बात है, लेकिन ये बात तो साफ है कि कांग्रेस चुनाव से पहले दलित वोटों को जोड़ने के लिए काफी गंभीर है. कांग्रेस का ये भी मानना है कि बसपा प्रमुख मायावती 28 विपक्षी गठबंधन INDIA में शामिल नहीं होकर बीजेपी की मददगार बन रही हैं।