ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने दिया बड़ा बयान,मुगलिया सल्तनत में तोड़े गए सैकड़ों मंदिर

 ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने दिया बड़ा बयान,मुगलिया सल्तनत में तोड़े गए सैकड़ों मंदिर
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वाराणसी में व्यासजी के तहखाने में पूजी शुरू होने के बाद से फिर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. एक ओर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य लगातार समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का नाम लेकर आरोप लगा रहे हैं तो दूसरी ओर अब कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भी प्रतिक्रिया दी है.वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र पर सवाल नहीं उठाए जा सकते हैं. भारत में रहने वाले अगर किसी व्यक्ति को भारत की न्यायपालिका पर भरोसा नहीं है तो उसे भारत में रहने का कोई अधिकार नहीं है. यह ओछी और संकीर्ण मानसिकता है. मुगलिया सल्तनत में सैकड़ों मंदिर तोड़े गए. मंदिर और मस्जिद दोनों तोड़ना गलत है. आज अदालतें अगर कह रही हैं कि वहां मंदिर था. इससे पहले उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि अब महादेव की नगरी काशी में भी ‘हर हर महादेव’ हो रहा है. साज़िश के तहत 1993 में मुलायम सिंह यादव की सरकार ने जिस प्रकार ज्ञानवापी स्थित व्यास जी के तहख़ाने में पूजा-अर्चना बंद कराई थी, उससे काशी के ही नहीं, देशभर के लोग परिचित हैं.केशव प्रसाद मौर्य शनिवार को राजधानी में रामदरबार नामक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि 2017 में हमारी सरकार बनी तो हम भी पूजा शुरू करवा सकते थे. लेकिन, हमने मर्यादा का पालन किया. शिवभक्तों ने भी संयम दिखाया. न्यायालय की शरण में गये. वहां से आदेश लेकर आये और अपने महादेव की पूजा अर्चना शुरू की. उन्होंने आगे कहा, ‘इससे हमारा ही नहीं सनातन धर्म में आस्था रखने वाले विश्व के सभी लोगों को एक समान आनंद की प्राप्ति हुई. 22 जनवरी को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की तो मन प्रफुल्लित हुआ कि जिस आंदोलन के लिए लाखों कारसेवकों ने अपना सर्वस्व न्योछावर करने का संकल्प लिया था, सैकड़ों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया, वह सफल हुआ।

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