पटना,गया से लेकर हैदराबाद तक बिहार की सियासत की शुरू हुई चर्चा,12 फरवरी को गिर जाएगी सरकार!

 पटना,गया से लेकर हैदराबाद तक बिहार की सियासत की शुरू हुई चर्चा,12 फरवरी को गिर जाएगी सरकार!
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बिहार में 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट को लेकर सियासी पारा काफी चढ़ा हुआ है. 12 फरवरी को बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले सभी पार्टियां अपने-अपने विधायकों को एकजुट रखने में लगी है. सियासी गलियारों में विधायकों की खरीद फरोख्त यानी हॉर्स ट्रेडिंग की भी अटकलें हैं. आरजेडी के नेता लगातार सियासी खेला होने का दावा करते नजर आ रहे हैं. वहीं, विधानसभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने इस्तीफा देने से मना कर प्रदेश की राजनीति को और सस्पेंस में डाल दिया है.मौजूदा वक्त में बिहार की सियासत में हर दल अपने विधायकों को एकजुट करने की पूरी कोशिशें भले ही कर रहे हैं लेकिन सच्चाई ये है कि अंदर ही अंदर वो अपने विधायकों को संदेह की नजर से भी देख रहे हैं. बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का ‘खेला तो होगा’ वाला बयान विरोधियों के मन में बैठा है. पटना से लेकर गया और तेलंगाना तक की चर्चा की जा रही है.बिहार विधानसभा में नीतीश सरकार का फ्लोर टेस्ट 12 फरवरी को है लेकिन उससे पहले 10 और 11 फरवरी का दिन-रात काफी भारी है. जेडीयू कोटे से मंत्री श्रवण कुमार ने ये कह कर सभी को हैरान कर दिया है कि उनकी पार्टी के विधायकों के पास फोन आ रहे हैं. विधायकों को प्रोलभन देने की कोशिश हो रही है. कांग्रेस ने भी आरोप लगाया था कि उसके विधायकों को भी प्रलोभन दिए जा रहे हैं. फिलहाल हॉर्स ट्रेडिंग की अफवाहों में कितना दम है, ये 12 फरवरी को सीएम नीतीश की एनडीए गठबंधन सरकार के बहुमत परीक्षण से साफ हो जाएगा. बिहार में फ्लोर टेस्ट को लेकर सियासी हलचल के बीच सभी दल अपने विधायकों को एकजुट करने में पसीना बहा रहे हैं. कांग्रेस को डर है बीजेपी उसके विधायकों को तोड़ सकती है लिहाजा पार्टी ने अपने विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट किया है. वहीं, लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी ने अपने विधायकों को पटना में रहने का निर्देश दिया है. सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के पूर्व सीएम तेजस्वी यादव ने आज यानी शनिवार (10 फरवरी) शाम को राबड़ी देवी के आवास पर आरजेडी विधायक दल की एक अहम बैठक बुलाई है. सभी विधायकों को पटना ही रहने के लिए कहा गया है. उधर, बीजेपी विधायकों को गया में जुटाया गया है.बिहार विधानसभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के तेवर कड़े हैं. उन्होंने साफ तौर से कह दिया है कि वो इस्ताफी नहीं देंगे, जिसके बाद नीतीश सरकार की बौखलाहट और बढ़ी हुई दिखती है. अवध बिहारी चौधरी पहले विधानसभा के स्पीकर होंगे जो अपने ऊपर लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगे. बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दौरान क्रॉस वोटिंग की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. सूत्रों का कहना है कि फ्लोर टेस्ट के दौरान कई विधायक क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं. हालांकि, नीतीश कुमार की एनडीए सरकार लगातार दावा कर रही है कि उनके पास बहुमत का आंकड़ा है और उनकी सरकार पूरी तरह से सुरक्षित है.बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं. विधानसभा में लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी के पास सबसे अधिक 79 विधायक हैं. बीजेपी के पास 78 विधायक जबकि जेडीयू के पास कुल 45 विधायक हैं. कांग्रेस के पास 19 तो लेफ्ट के पास 16 विधायकों का आंकड़ा है. इसके साथ ही पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी HAM के पास 4 एमएलए हैं. इसके अलावा एक निर्दलीय विधायक हैं, जो नीतीश सरकार के साथ हैं.बिहार में फिलहाल सत्ता पक्ष के पास कुल मिलाकर 128 विधायक हैं जबकि विपक्षी महागठबंधन के पास कुल 114 विधायक हो रहे हैं. वहीं, बिहार में बहुमत जुटाने के लिए 122 विधायकों की जरूरत है।

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