महागठबंधन में सीट के लिए तकरार,BJP का बढ़ रहा कुनबा,कुशवाहा-मांझी-सहनी साथ आए तो क्या होगा शीट शेयरिंग का फार्मुला?
लोकसभा चुनाव की तैयारी राजनितिक दलों ने शुरु कर दी है। बिहार में तो इसको लेकर बीजेपी विरोधी दलों का सबसे बड़ा महाजुटान होने वाला है. इधर, बीजेपी भी बिहार में एक्टिव प्लस मोड में है. बीजेपी जहां खुलकर हिन्दुत्व का कार्ड खेल रही है तो वहीं महागठबंधन के जातीय कार्ड का जवाब देने के लिए भी तैयार है. वही आपको बता दें कि इसी माह में पीएम मोदी और उसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की रैली होने वाला है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इन दो बड़े नेताओं की रैली से बीजेपी को बहुत फायदा होने वाला है।बीजेपी चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा को पहले ही पाले में ला चुकी है. अब उसकी नजर मुकेश सहनी और जीतन राम मांझी पर है.दरअसल, जीतन राम मांझी ने महागठबंधन में पांच सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है. मांझी ने मांग नहीं माने जाने पर और भी राजनीतिक विकल्प हैं, ये भी इशारों में बता दिया है. पिछले दिनों जीतन राम मांझी ने दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात की थी. इसके बाद से मांझी के सुर बदल गए हैं. नीतीश का साथ नहीं छोड़ने की कसम खाने वाले मांझी ने कहा कि राजनीतिक वादे तोड़े भी जा सकते हैं.जीतन राम मांझी के ऐलान के बाद महागठबंधन में हल-चल है. हल-चल भले ही न सही, लेकिन इधर बिहार NDA में भी सीट शेयरिंग को लेकर सुगबुगाहट है. बिहार NDA में अभी घोषित रूप से पशुपति पारस गुट की एलजेपी ही है, लेकिन चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा का आना भी तय माना जा रहा है. मुकेश सहनी ने भी बीजेपी के साथ आने के संकेत दिए हैं. मांझी को पाले में लाने की भी तैयारी हो रही है. ये सभी पार्टी अगर साथ आती हैं तो बिहार में बीजेपी का भी कुनबा बड़ा हो जाएगा, तब बीजेपी सीटों की शेयरिंग कैसे करेगी?.कहा जा रहा है कि बीजेपी बिहार में 30 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. नाम नहीं बताने की शर्त पर बीजेपी के एक नेता ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी के 40 सीटों के शेयरिंग का गणित भी बताया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी 30 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती. बाकी 10 सीट वह सहयोगियों के साथ शेयर करेगी. इसमें एलजेपी के दोनों गुट को चार सीट, दो सीट मुकेश सहनी और दो सीट उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को दी जा सकती है. जीतन राम मांझी एनडीए के साथ आते हैं तो उनकी पार्टी को भी दो सीट दी जा सकती है. मांझी के साथ नहीं आने की सूरत में वो दो सीट एलजेपी के खाते में जाएगी.