शिक्षा मंत्री ने आज केके पाठक को लेकर निकाली अपनी भड़ास,कहा-सुधारात्मक कार्रवाई हो,दंडात्मक नहीं
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने आज शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सख्त लहजे में कहा कि हड़बड़ी में निर्णय लेने से कई तरह की खामियां निकलती हैं. सरकार की किरकिरी होती है, इसलिए इस बात का ख्याल रखें कि हड़बड़ी में निर्णय न लें. कृष्ण मेमोरियल हॉल में शिक्षा विभाग की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. 20 शिक्षकों को सम्मानित किया गया और 15 हजार रुपये का चेक दिया गया.इस दौरान शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि शिक्षा को लेकर सुधार अति आवश्यक है लेकिन किसी तरह शिक्षक को परेशान किया जाएगा तो उसपर ध्यान दिया जाएगा. निरीक्षण हो, निरीक्षण के पक्ष में हूं लेकिन निरीक्षण हर समय सुधारात्मक होना चाहिए, दंडात्मक नहीं. निरीक्षण के क्रम में पदानुक्रम का ख्याल रखा जाए.शिक्षा मंत्री ने कहा कि आउटसोर्सिंग से राज्यभर में बड़े पैमाने पर नियुक्तियां हो रही हैं. उसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत मिली है. इस शिकायत को समय रहते ठीक करेंगे।
किसी दलाल उचक्कों के चक्कर में मत पड़ें. कार्यक्रम समाप्त होने के बाद मीडिया से बात करते हुए चंद्रशेखर ने अपनी बातों को दोहराया. कहा कि दंडात्मक कार्रवाई का कोई स्थान नहीं है. प्रजातंत्र में लोकशाही है तानाशाही नहीं. बता दें कि शिक्षा विभाग इन दिनों सुर्खियों में हैं. विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का नाम तो नहीं लिया लेकिन चंद्रशेखर का इशारा उन्हीं की तरफ था. क्योंकि लगातार कई तरह के एक्शन लिए जा रहे हैं. अभी सोमवार (4 सितंबर) को ही सरकार ने स्कूलों में छुट्टियों की कटौती के फैसले को वापस लिया है. वहीं दूसरी ओर आज कार्यक्रम के दौरान विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक भी मौजूद थे लेकिन वह मंच पर नहीं गए।