लोकसभा में बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर-LAC पर जरूरी है शांति
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के साथ संबंधों और एलएसी पर शांति बनाए रखने को लेकर लोकसभा में कहा कि हम चीन के साथ इस दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि बॉर्डर से जुड़े मुद्दे पर समाधान के लिए निष्पक्ष और परस्पर स्वीकार्य रूपरेखा पर पहुंचें. साथ ही सरकार का रुख स्पष्ट है कि बीजिंग के साथ संबंधों के विकास के लिए बॉर्डर पर शांति जरूरी है.लोकसभा में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन के संबंध 2020 से असामान्य रहे, जब चीन की कार्रवाइयों की वजह से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बाधित हुई. उन्होंने कहा, “सतत कूटनीतिक साझेदारी को दर्शाने वाले हाल के घटनाक्रम ने दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार की दिशा में कदम बढ़ाया है. 21 अक्टूबर को हुए समझौते से पहले मैंने 4 जुलाई को अस्ताना में और फिर 25 जुलाई को वियनतियाने में अपने चीनी समकक्ष के साथ बॉर्डर पर सेना के पीछे हटने के विशिष्ट मुद्दे के साथ-साथ व्यापक संबंधों पर भी चर्चा की थी. फिर हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और उनके चीनी समकक्ष के बीच 12 सितंबर को सेंट पीटर्सबर्ग में मुलाकात हुई थी.
इन दोनों क्षेत्रों की सबसे प्रमुख समस्या यह थी कि लंबे समय से पेट्रोलिंग नहीं हो पा रही थी.”विदेश मंत्री ने कहा, “डेमचोक में, हमारी खानाबदोश आबादी की ओर से पारंपरिक चरागाहों के साथ-साथ स्थानीय लोगों के लिए अहम स्थलों तक पहुंच का सवाल भी था. फिर दोनों पक्षों के बीच लंबी बातचीत के बाद हाल ही में इस मसले पर सहमति बनी. परिणामस्वरूप, अब पारंपरिक क्षेत्रों में फिर से पेट्रोलिंग शुरू हो चुकी है. शुरुआत में जमीन पर सेना को पीछे भेजने को लेकर मामले की पुष्टि के लिए गश्ती दल भेजकर इसकी पड़ताल भी की गई और सहमति के अनुसार नियमित गतिविधियों का पालन किया जा रहा है.”दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के खत्म होने के बाद वहां के हालात के बारे में लोकसभा में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा, “21 अक्टूबर को आपस में बनी सहमति के बाद, पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 23 अक्टूबर को कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर मुलाकात की. दोनों नेताओं ने आपसी सहमति का स्वागत किया और विदेश मंत्रियों को बैठक कर संबंधों को स्थिर करने और पुनर्निर्माण करने का निर्देश भी दिया.”निष्पक्ष और स्वीकार्य समाधान तलाशेंगेः जयशंकरउन्होंने आगे कहा कि विशेष प्रतिनिधियों को सीमा विवाद का निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान तलाशने के अलावा शांति और सौहार्द के प्रबंधन की देखरेख भी करनी है. इसी के तहत मैंने हाल ही में पिछले महीने 18 नवंबर को रियो डी जेनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान विदेश मंत्री वांग यी के साथ फिर से चर्चा की.”विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने चीन के साथ संबंधों में सुधार की कोशिशों के बारे में कहा, “रक्षा मंत्री (राजनाथ सिंह) ने 20 नवंबर को वियनतियाने में आसियान रक्षा मंत्रियों (एडीएमएम+) की बैठक में चीनी रक्षा मंत्री डोंग जून से भी मुलाकात की. दोनों मंत्रियों ने हाल ही में हुए सेना के पीछे हटने की प्रगति, तनाव कम करने की जरुरत और आपसी रिश्तों में विश्वास-निर्माण उपायों को मजबूत करने की आवश्यकता पर चर्चा की.”उन्होंने आगे कहा कि वे अलग-अलग स्तरों पर बैठकों और परामर्शों को जारी रखने के महत्व पर भी राजी हुए. सदन को याद होगा कि 21 अक्टूबर का समझौता पूर्वी लद्दाख में टकराव के कई बिंदुओं पर स्थिति के समाधान के संबंध में सबसे नया समझौता है. दोनों देश इस साल अक्टूबर में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पेट्रोलिंग के लिए एक समझौते पर सहमत हुए थे.