नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र की होगी वापसी!देश में राजशाही होगी लागू!

नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र बीर बिक्रम शाह का शनिवार को राजधानी काठमांडू में भव्य स्वागत हुआ. वो नेपाल के तीर्थों की यात्रा कर लौटे थे. पूर्व राजा का स्वागत करने वालों में राजशाही समर्थक राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के नेता और कार्यकर्ता सबसे अधिक थे.पूर्व राजा को काठमांडू के त्रिभुवन घरेलू हवाई अड्डे से अपने निजी आवास ‘निर्मल निवास’ तक की करीब पांच किमी की दूरी को पूरा करने में करीब ढाई घंटे का समय लगा. इस दौरान सड़क के दोनों किनारे उनके समर्थक खड़े थे. इनमें युवाओं की संख्या अधिक थी.भीड़ में शामिल लोग नारा लगा रहे थे,’नारायणहिटी खाली गर, हाम्रो राजा आउंदै छन’ (नारायणहिटी ख़ाली करो, हमारे राजा आ रहे हैं), नारायणहिटी पैलेस पूर्व राजा ज्ञानेंद्र बीर बिक्रम शाह का पूर्व आवास है. काठमांडू में जिस तरह से लोगों ने पूर्व राजा का स्वागत किया, उसके बाद से नेपाल ने राजतंत्र की वापसी की बहस तेज हो गई है।पूर्व राजा का स्वागत करने के लिए सड़क पर उतरे समर्थकों ने राजशाही की वापसी के पक्ष में नारे लगाए. एक जगह भीड़ ने प्रधानमंत्री केपी ओली के खिलाफ नारे लगाए. दरअसल पीएम ओली ने पूर्व राजा को चुनौती दी है कि अगर वह सत्ता में आने के लिए इतने गंभीर हैं तो एक राजनीतिक पार्टी बनाएं और चुनाव लड़ें.

पूर्व राजा दो महीने बाद राजधानी काठमांडू लौटे थे.इन दो महीनों में पूर्व राजा ने झापा और पोखरा के साथ-साथ एक दर्जन से अधिक जगहों खासकर मंदिरों और तीर्थस्थलों का दौरा किया.इस दौरान उन्होंने लोगों से मेल-मुलाकात कर राजनीतिक हालात जानने-समझने की कोशिश की थी. उनके इस कदम को नेपाल में महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है. पिछले कुछ समय से नेपाल में पूर्व राजा के समर्थक राजशाही की बहाली के लिए आंदोलन कर रहे हैं. नेपाल ने माओवादियों के सहयोग से 239 साल पुरानी राजशाही को 2008 में खत्म कर लोकतंत्र की स्थापना की गई थी. राजशाही के खात्मे के बाद से नेपाल में लोकतंत्र की स्थापना की गई थी.उसके बाद पिछले 17 सालों में वहां 11 सरकारें आई हैं।