अमेरिका से दोस्ती और चीन से बगावत,ग्लोबल मार्केट का सबसे बड़ा सौदागर बना भारत
देश के प्रधानमंत्री अपनी 6 दिन की विदेश यात्रा से वापस लौट आए हैं. पूरी दुनिया ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेशी नीति को बड़ी बारीकी से देखा और परखा. वहीं चीन सिर्फ भारत की फॉरेन पॉलिसी को ही नहीं देख रहा था, बल्कि ग्लोबल मार्केट के उस अंडर करंट को पकड़ने की कोशिश में जुटा था जो भारत के फेवर में दुनिया के सभी बाजारों की रगों में दौड़ने लगा है. यही चीन की परेशानी का सबब बना हुआ है. क्योंकि बिजनेस और मैन्युफैक्चरिंग की जिस बिसात पर चीन अपने दांव अब तक चल रहा था, वो अब उल्टे पड़ने लगे हैं. भारत से सीमा विवाद हो या फिर अमेरिका से ट्रेड वॉर वो अब उस पर भारी पड़ रहा है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के उस हिस्से को सबसे ज्यादा चोट कर रहे हैं, जिसमें वो कभी माहिर खिलाड़ी था. वही दुसरी तरफ बता दें कि इधर जम्मू में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि इंटरनेशनल लेवल पर भारत का कद बढ़ा है. आज भारत कुछ बोलता है तो दुनिया कान खोलकर सुनती है. अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत को गंभीरता से लिया जा रहा है.रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पीओके पर कहा है कि हमको बहुत ज्यादा कुछ करना नहीं पडे़गा. वहीं से मांग हो रही है कि हमें भारत में मिलाओ. वही दुसरी ओर बता दें कि अमेरिका और मिस्त्र के दौरे से लौटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बड़े मंत्रियों के साथ अहम बैठक कर रहे हैं. बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मौजूद हैं. पीएम को बैठक में मणिपुर के हालातों पर अपडेट दिया गया है. वही दूसरी तरफ बता दें कि इधर आज गृह मंत्री अमित शाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे हैं. पीएम मोदी देर रात ही अमेरिका और मिस्त्र के दौरे से वापस लौटे हैं. वो पीएम को मणिपुर के हालातों पर जानकारी दे सकते हैं.