पीएम मोदी की पीठ पर हाथ और I.N.D.I.A की प्रेस कॉन्फ्रेंस से गायब,विपक्षी एकता को गच्चा देंगे शरद पवार?
साल 2024 में होने वाले आगामी लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को हराने के लिए तमाम विपक्षी दलों ने मिलकर आईएनडीआईए गठबंधन बनाया है। इस गठबंधन में कांग्रेस के अलावा, आम आदमी पार्टी, एनसीपी, सपा, डीएमके और टीएमसी जैसी कई प्रमुख पार्टियां शामिल हैं। आईएनडीआईए के नेता तमाम मुद्दों पर केंद्र की मोदी सरकार को घेर रहे हैं।हाल ही में आईएनडीआईए के नेताओं ने मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर राज्य का दौरा कर हालात का जायजा लिया था। विपक्षी नेताओं ने बुधवार को मणिपुर दौरे के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा। राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, एनसीपी चीफ शरद पवार, AAP नेता संजय सिंह, सपा नेता रामगोपाल यादव समेत आईएनडीआईए के कई नेता मौजूद थे। वही दूसरी तरफ बता दें कि इधर देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों से दिल्ली की गद्दी पर कौन बैठेगा यह तय होता है। इसलिए भाजपा यूपी सभी सीटों पर फोकस कर रही है। वहीं लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा के हाथ से खिसक गई 14 लोकसभा सीटों पर भी पार्टी की नजर हैं। आने वाले चुनाव में पार्टी इन सीटों पर भी भाजपा का परचम लहराना चाहती है। विपक्ष ने जहां लोकसभा चुनाव 2024 के लिए आइएनडीआए गंठबंधन तैयार किया है वहीं भाजपा भी पूरी ताकत के साथ तैयारियों में जुटी है। वही दूसरी तरफ बता दें कि इधर लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी पूरे दमखम के साथ अपनी तैयारियों में जुट गई है. बीजेपी का फोकस उत्तर प्रदेश पर है, क्योंकि 2014 और 2019 में देश की सत्ता में काबिज होने में इसी राज्य की अहम भूमिका रही है. पीएम मोदी पूर्वांचल के काशी से सांसद हैं, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी इसी इलाके के गोरखपुर से आते हैं. यही वजह है कि बीजेपी के लिए पूर्वांचल काफी अहम हो जाता है, जिसके चलते ही पार्टी ने अपने दुर्ग को बचाए रखने के लिए जातीय आधार वाले दलों के साथ हाथ मिलाया है. ऐसे ही दक्षिण भारत में भी बीजेपी अपने सियासी समीकरण को मजबूत करने में जुटी है. इसी कड़ी में अब एनडीए सांसदों के साथ मंथन का सिलसिला भी शुरू हो गया है.