बिहार में जाति जनगणना पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी,कल अदालत देगी अंतरिम आदेश

 बिहार में जाति जनगणना पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी,कल अदालत देगी अंतरिम आदेश
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बिहार में चल रही जाति आधारित गणना पर पटना हाइकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई। बिहार सरकार की ओर से राज्य में जातियों की गणना और आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली गई है। इसके साथ ही पटना हाइकोर्ट ने याचिका पर फैसला गुरुवार यानी कल तक के लिए टाल दिया है। अखिलेश कुमार और अन्य की याचिकाओं पर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ही सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान पटना उच्च न्यायालय ने ये जानना चाहा कि जातियों के आधार पर गणना और आर्थिक सर्वेक्षण कराना क्या कानूनी बाध्यता है? caste based survey 1673011020 1कोर्ट ने ये भी पूछा है कि ये अधिकार राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में आता है या नहीं? साथ ही कोर्ट ने ये भी जानना चाहा कि इससे निजता का उल्लंघन होगा क्या?वही दूसरी तरफ बता दें कि बहस के दौरान उन्होने कहा कि 17 प्रश्नों में से किसी भी प्रश्न से किसी की गोपनीयता भंग नहीं हो रही हैं। मुट्ठी भर लोग इसका विरोध कर रहे हैं। राज्य के अधिकांश लोगो में अपना जात बताने की होड़ लगी हुई है। 1674812218 1629563568 22nitish 3c 1 1लोग स्वेच्छा से सभी 17 प्रश्नों का जबाब दे रहे हैं। इससे पहले कल हुई बहस में पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के विनोद चन्द्रन और न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने सुनवाई की। आवेदक की ओर से अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव और धनंजय कुमार तिवारी ने पक्ष रखते हुए कहा कि प्रदेश में जातीय गणना क्यों कराई रही है, इस बारे में कहीं कोई जिक्र नहीं किया गया है। अधिवक्ता दीनू कुमार और रितिका रानी ने कोर्ट को बताया कि इसके लिए आकस्मिक निधि से 1500 करोड़ खर्च होने की बात कही गई है, जबकि इससे फंड निकालने के पूर्व क प्रक्रिया का पालन किया जाना अनिवार्य है। अधिव ऐप पर पढ़ें दीक्षित ने जातीय गणना में मोटर सहित कई अन्य बातों की जानकारी मांगे जाने पर सवाल खड़े किए थे।

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