मैं अभी कहीं नहीं जा रही हूं,राजनीति से संन्यास लेने की अटकलों पर बोलीं वसुंधरा राजे

 मैं अभी कहीं नहीं जा रही हूं,राजनीति से संन्यास लेने की अटकलों पर बोलीं वसुंधरा राजे
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राजस्थान की राजनीति बड़े ही रोचक मोड़ पर पहुंच चुकी है। राजनीतिक पारा सातवें आसमान पर है। इसी पारे को शुक्रवार को प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा ताजे ने और भी बढ़ा दिया था। दरअसल एक जनसभा के दौरान उन्होंने राजनीति से संन्यास लेने के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि मुझे लग रहा है कि अब मैं रिटायर हो सकती हूं। हालांकि अब शनिवार को उन्होंने इस बयान पर अपनी सफाई दी। उन्होंने कहा कि उस बयान का मतलब कुछ और था। वसुंधरा राजे ने कहा, “झालावाड़ मेरा परिवार है। इस परिवार में हम बहुत सी ऐसी बातें करते हैं जिनका कोई राजनीतिक मतलब नहीं होता। मैंने ऐसा कल इसलिए कहा क्योंकि दुष्यन्त (उनके बेटे) को देखने, उनका भाषण सुनने और लोगों की प्रतिक्रिया देखने के बाद मुझे खुशी हुई। एक मां के तौर पर मुझे खुशी थी कि दोनों के बीच इतना तालमेल था।” उन्होंने कहा, “मैं स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मैं कहीं नहीं जा रहा हूं, मैंने अभी अपना नामांकन दाखिल किया है। मेरे रिटायरमेंट के बारे में कुछ भी अपने मन में न रखें।इससे पहले शुक्रवार को झालावाड़ में एक जनसभा के दौरान वसुंधरा राजे ने कहा था, “मुझे लग रहा है कि अब मैं रिटायर हो सकती हूं।” इसके बाद लोग तालियां बजाने लगे। राजे बोलीं, “मेरे पुत्र सांसद दुष्यंत सिंह को आज सुनकर लगा कि हां वो ठीक है। आपलोगों ने उन्हें अच्छी तरह से सीखा-सीखाकर प्यार से रस्ते पर लगा दिया है। अब मुझे लगता है कि मुझे कुछ करने की जरूरत नहीं है।

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मुझे लगता है कि आज उनके ऊपर निगाह रखने की कोई जरूरत नहीं है। उनके ऊपर पड़ने की जरूरत नहीं है। वो आपलोगों के काम ऐसे ही करेंगे. ये झालावाड़ है और इस झालावाड़ को हम हमेशा याद रखेंगे।”वसुंधरा राजे ने कहा कि झालावाड़ में इस बार मेरा 10वां नामांकन है। पहला नामांकन नवम्बर 1989 में सांसद के लिए भरा। लगातार 5 बार सांसद और 4 बार विधायक चुनी गई। आपने सांसद दुष्यंत सिंह को लगातार 4 बार सांसद बनाया। झालवाड़ के आशीर्वाद से 1998 में केंद्र में विदेश मंत्री बनी। उसके बाद केंद्र में लघु उद्योग, कृषि एवं ग्रामीण उद्योग, कार्मिक, लोक शिकायत, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष जैसे महत्वपूर्ण विभागों की मंत्री बनी। अभूतपूर्व बहुमत के साथ 2003 और 2013 में प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी। प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री भी बनीं।

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