यदि टूट गया गठबंधन तो लोकसभा चुनाव में कई सीटों पर कांग्रेस और सपा होगी आमने-सामने
लखीमपुरी खीरी में सपा के कद्दावर नेता रवि प्रकाश वर्मा का अगला ठिकाना कहां होगा? चार बार के सांसद रहे रवि प्रकाश वर्मा ने सपा का साथ छोड़ दिया है. उनके इस्तीफे के बाद सवाल उठ खड़ा हुआ कि अगला पड़ाव कहां होगा? लखीमपुर खीरी में वर्मा परिवार का 50 वर्षों से दबदबा रहा है. रवि प्रकाश वर्मा के माता-पिता ने भी संसद में खीरी लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया है. वर्मा घराने का पुराना संबंध कांग्रेस से जुड़ता है.माना जा रहा कि रवि प्रकाश वर्मा की घर वापसी हो सकती है. रवि प्रकाश वर्मा की बेटी पूर्वी वर्मा भी कांग्रेस में जाने की तैयारी कर रही हैं. पिता और बेटी की घर वापसी के बाद लखीमपुर की सियासत काफी दिलचस्प मोड़ पर पहुंच जाएगी।
लखीमपुर के साथ-साथ धरोहरा, हरदोई, शाहजहांपुर में कुर्मी मतदाताओं का दबदबा है. रवि प्रकाश वर्मा के कांग्रेस का दामन पकड़ने से इंडिया गठबंधन में खीरी लोकसभा सीट पर रस्साकशी तेज हो सकती है. कांग्रेस रवि प्रकाश वर्मा का स्वागत करने को तैयार है. वहीं, सपा के लिए नुकसान की भरपाई करना मुश्किल हो जाएगा.खीरी से रवि प्रकाश वर्मा के कांग्रेस प्रत्याशी बनने पर सपा इंडिया गठबंधन को सीट दे सकती है? सपा नहीं चाहेगी कि परंपरागत सीट इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस को जाए. ऐसी स्थिति में दोनों पार्टियों के बीच टकराव साफ दिख सकता है. हालांकि, पिछले लोकसभा चुनाव में सपा ने पूर्वी वर्मा को खीरी से उम्मीदवार बनाया था. सपा-बसपा की संयुक्त प्रत्याशी पूर्वी वर्मा बीजेपी के अजय मिश्र टेनी से चुनाव हार गई थीं. अब लोकसभा आगामी चुनाव में कांग्रेस की खीरी सीट पर दावेदारी से इंडिया गठबंधन की दरार सतह पर सामने आ सकती है।