देश की सीमाओं की सुरक्षा के मद्देनजर भारतीय सेना ने कसी कमर,किसी भी हरकत पर रख रही है पैनी नजर

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पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो बाद भारतीय सेना ने 6 पेट्रोलिंग बोट और 8 लैंडिंग क्राफ्ट अधिग्रहण योजना पर काम शुरू कर दिया है और ब्रह्मपुत्र नदी बेसिन में ऑफ-कोस्ट ऑपरेशन कैपेसिटी बढ़ाने की तैयारी में है. इसके लिए सेना ने 118 इंटीग्रेटेड सर्विलांस सिस्टम खरीदने का टेंडर भी जारी कर दिया है.सेना ने ये कदम साल 2021 के फरवरी महीने में पूर्वी लद्दाख में 13 हजार 900 फीट की ऊंचाई पर बनी 134 किमी लंबी पैंगोंग झील में इस तरह की पेट्रोलिंग नावों को तैनात करने के बाद उठाया है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार (16 अक्टूबर) को सेना ने गुजरात के कच्छ के साथ-साथ पश्चिम बंगाल के सुंदर वन और ब्रह्मपुत्र नदी जैसे इलाकों में पेट्रोलिंग बोट लैंडिंग क्राफ्ट असॉल्ट के लिए टेंडर जारी कर दिया है।

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सेना ने कहा कि तेज पेट्रोलिंग बोट हथियारों से लैस 8 सैनिकों को ले जाने में, निगरानी, टोही और पेट्रोलिंग के लिए सक्षम होनी चाहिए. वहीं, लैंडिंग क्राफ्ट 35 सशस्त्र सैनिकों को पेट्रोलिंग के लिए ले जाने में सक्षम होने चाहिए. सैनिकों के लिए हथियार और उपकरणों के अलावा पेलोड के वहन की क्षमता वाले क्राफ्ट होने चाहिए. टेंडर का जवाब देने के लिए आखिरी तारीख 28 नवंबर रखी गई है.पैंगोंग त्सो में सेना ने रक्षा पीएसयू गोवा शिपयार्ड के साथ 65 करोड़ रुपए के कॉन्ट्रैक्ट के तहत एडवांस्ड गियर और अन्य उपकरणों के साथ 12 फास्ट पेट्रोलिंग बोट्स को शामिल किया है. इसी तरह, गोवा के एक निजी शिपयार्ड से 17 सैनिक ढोने वाली, फ्लैट-बॉटम फाइबरग्लास बोट्स को शामिल किया है. ये बोट्स लगभग 20 सैनिकों को झील पर एक जगह से दूसरी जगह तक तेजी से ले जा सकती हैं।

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