कर्नाटक में फिर शुरु हुआ इंदिरा कैंटीन,5 रुपए में नाश्ता तो 10 रुपए में होगा भर पेट खाना

 कर्नाटक में फिर शुरु हुआ इंदिरा कैंटीन,5 रुपए में नाश्ता तो 10 रुपए में होगा भर पेट खाना
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कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने राज्य में इंदिरा कैंटीन की एक बार फिर शुरुआत कर दी है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि वह फिर से इंदिरा कैंटीन शुरू करेंगे. उन्होंने एक महीने के भीतर कैंटीन को शुरू करने की बात कही है. इस कैंटीन से हाशिए पर मौजूद लोगों की मदद होगी और उन्हें 5 रुपए में नाश्ता और 10 रुपए में भर पेट खाना मिल सकेगा. कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने इस कैंटीन को दोबारा शुरू करने का वादा किया था.इंदिरा कैंटीन की शुरुआत पूर्व कांग्रेस सरकार ने की थी. बीजेपी के सत्ता में आने के बाद इस कैंटीन को बंद कर दिया गया था. देश में महंगाई बढ़ रही है और खाने-पीने के सामानों की कीमतें तेजी से बढ़ रही है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी जब कर्नाटक दौरे पर गए तो उन्होंने कुछ फूड डिलिवरी कर्मियों से मुलाकात की. उन्होंने राहुल गांधी से कैंटीन को दोबारा शुरू कराने का अनुरोध किया था. राहुल गांधी ने उन्होंने कैंटीन दोबारा शुरू कराने का वादा किया था.RahulGandhIBharatJodoYatra 637x435 1 वही दूसरी तरफ इधर बता दें कि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में लुक ईस्ट की पॉलिसी अब एक्ट ईस्ट हो गई है. इस पॉलिसी के तहत ही पूर्वोत्तर राज्य में शांति बहाल की गई है और वहां काफी तरक्की हुई है. नए संसद भवन  के उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर बहुत विवाद हो रहा है. विपक्ष ने कार्यक्रम के बहिष्कार की बात कही है. इस पर अनुराग ठाकुर ने कहा है कि ये बहुत गलत है. साथ ही उन्होंने कार्यक्रम के बॉयकॉट को लेकर राहुल गांधी पर तंज भी कसा है.नए संसद भवन को लेकर विवाद पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि नए संसद का निर्माण किया गया है. इसके उद्घाटन का बहिष्कार करना गलत है. राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि ये अलग बात है कि किसी के संसद आने पर रोक लग गई है. जो कभी हो हंगामा का बहाना ढूंढते थे, वे अब बहिष्कार करने की बात कर रहे हैं. वही इधर बता दें कि बिहार के मुख्य्मंत्री नीतीश कुमार ने भी केंद्र सरकार पर हमला बोला है।बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नए संसद भवन के बारे में कहा कि अलग से बनाने की क्या जरूरत थी. अलग बिल्डिंग बनाने की कोई जरूरत ही नहीं थी, यह पुराना इतिहास बदलने के जैसा है. हमसे पूछिएगा तो हमको यह लगता है कि भवन को अलग से बनाने की क्या जरूरत थी. जो आजकल शासन में हैं वो सारे इतिहास को बदल देंगे. यहां तक की आजादी के इतिहास को बदल देंगे.

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