ISRO ने फिर रचा इतिहास,रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल RLV LEX को ATR से किया संचालित
इसरो ने रविवार को एक और कामयाबी हासिल की. भारतीय अनुसंधान संगठन ने डीआरडीओ और भारतीय वायुसेना की मदद से RLV LEX का सफलतापूर्वक संचालन किया. इसरीयूजेबल लॉन्च व्हीकल RLV LEX को ATR से किया संचालित गया है। आज सुबह कर्नाटक के चित्रदुर्ग के एटीआर से संचालित किया गया. सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर RLV ने उड़ान भरा और 7.40 बजे यह एटीआर एयर स्ट्रीप में लैंड किया है।RLV LEX को भारतीय वायुसेना के चिनुक हेलीकॉप्टर ले लाया गया. इसे 4.5 किलोमीटर की ऊंचाई पर ले जाया गया और 4.6 किलोमीटर की रेंज पर छोड़ा गया. इसके छोड़ने के बाद रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल धीमी गति से उड़ान भरा. इसके कुछ देर बाद वह लैंडिंग गियर के साथ खुद ही एटीआर में लैंड किया. बता दें कि रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल के सहारे हम रॉकेट को दोबारा लॉन्च कर सकते हैं.इसरो इस पर काफी लंबे समय से काम कर रहा है कि कम लागत में कैसे अच्छी तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है. इस दिशा में यह वाकई एक बड़ा कदम है. इसरो प्रमुख सोमनाथ ने भी कहा था कि आने वाले दिनों में इसरो अंतरिक्ष के क्षेत्र में बड़ा कामयाबी हासिल करेगा. वह अधिक से अधिक अनुसंधान और उसके डेवलपमेंट पर ध्यान देगा. बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने अपने पहले RLV-TD HEX-01 मिशन की शुरुआत 2016 में की थी. वहीं, RLV LEX की शुरुआत 2019 में हुई थी.