पाकिस्तान के रहने वाली जावरिया खानम बनेंगी भारतीय लड़के की दुल्हनिया,शादी करने के लिए आ रही हैं भारत
बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान और एक्ट्रेस प्रीति जिंटा की सुपरहिट रोमांटिक फिल्म ‘वीर जारा’ तो आपको याद ही होगी. रिलीज के सालों बाद भी आज भी ये फिल्म लोगों की पंसदीदा फिल्मों में शुमार है. फिल्म में एक भारतीय युवक को पाकिस्तान की रहने वाली लड़की से प्यार हो जाता है और तमाम दिक्कतों का सामना करते हुए उनकी हैप्पी एंडिंग हो जाती है. ये तो थी रील लाइफ वीर जारा की कहानी, लेकिन हम आपको रियल लाइफ के वीर जारा के बारे में बताने जा रहे हैं.ये कहानी है जावरिया खानम और समीर खान की. जावरिया खानम जहां पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की रहने वाली हैं, तो वहीं समीर खान भारत के रहने वाले हैं।
करांची में रहने वाली जावरिया को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में रहने वाले समीर से प्यार हुआ, और दोनों ने शादी करने का फैसला किया. लेकिन ये सब इतना आसान नहीं था.जावरिया और समीर की लव स्टोरी में सबसे पड़ी परेशानी दो देशों के बीच की सरहद बन गई. तमाम कोशिशों के बाद भी भारत सरकार जावरिया को वीजा नहीं दे रही थी, ऐसे में वो शादी के लिए भारत नहीं आ पा रही थी. उसके बाद जैसे वीर जारा फिल्म में रानी मुखर्जी के किरदार साम्या सिद्दिकी की एंट्री होती है, और वो दोनों प्रेमियों को मिलाने की कोशिश करती है, ठीक उसी तरह जावरिया और समीर की लव स्टोरी में भी मकबूल अहमद की एंट्री हुई.पंजाब के कादियां के एक सामाजिक कार्यकर्ता मकबूल अहमद कादियां ने साम्या की ही तरह इन्हें मिलाने की कोशिश की और इनकी कोशिश रंग लाई. जिसके बाद भारत सरकार ने जावरिया को भारत आने के की इजाजत देते हुए वीजा दे दिया. भारत सरकार ने जावरिया को 45 दिन का वीजा दिया है.जावरिया खानम आज अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए पाकिस्तान से अमृतसर पहुंचेगी, जिसके बाद वो सीधे अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से कोलकाता के लिए उड़ान भरेंगी. कुछ दिनों के बाद ही जावरिया और समीर शादी के बंधन में बंधकर हमेशा के लिए एक दूसरे के हो जाएंगे. 45 दिन के बाद जावरिया भारत सरकार से लंबे समय के लिए वीजा विस्तार के लिए आवेदन करेंगी.कराची के रहने वाले अजमत इस्माइल खान और उनकी बेटी जावरिया खानम का अमृतसर के अटारी बार्डर पर स्वागत किया जाएगा. दूल्हा समीर और उनके पिता अहमद कमाल खान युसूफजई खुद उनके इस्तकबाल के लिए पहुंचेंगे. फिलहाल समीर अपने पिता के साथ पंजाब के गुरदासपुर जिले के एक गांव कादियां में अपने कुछ पहचानने वालों के यहां रुके हैं।