एनडीए गठबंधन में 14 से 15 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जेडीयू,उपेंद्र कुशवाहा को मिल सकती है 2 से 3 सीटें
बिहार में जेडीयू के एनडीए में शामिल होने के बाद बीजेपी फिर से सत्तारूढ़ हो गई है. लेकिन, इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सीट बंटवारे पर बीजेपी की परेशानी बढ़ती दिख रही है। सूत्रों का दावा है कि एनडीए में सीट बंटवारे के गणित के सूत्र तलाशने की पहल भी शुरू हो गई है. कहा जा रहा है कि एनडीए में बीजेपी और जेडीयू बड़े घटक दल हैं. लेकिन, चार अन्य सहयोगी दलों को भी सम्मानजनक सीट देने की तैयारी की जा रही है, जिससे गठबंधन में मजबूती बनी रहे।दरअसल, एनडीए में जब जेडीयू शामिल नहीं थी तब बड़ी आसानी से सीट बंटवारे की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन, जेडीयू के आने के बाद समीकरण बदल गया है. वैसे बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व किसी भी सहयोगी पार्टी को असहज नहीं होने देना चाह रहा है. यही कारण माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में भी एनडीए में शामिल सभी दल के नेता उपस्थित थे।सूत्रों की माने तो जेडीयू को बिहार में लोकसभा चुनाव में बीजेपी से कम सीट मिल सकती है. जानकारी के मुताबिक, बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें है. इनमे बीजेपी 17-18 सीटों पर लड़ना चाहती है. जबकि, जेडीयू को 14 से 15 सीटें दी जा सकती है. बीजेपी के फिलहाल 17 और जेडीयू के 16 सांसद हैं. लोजपा के दो गुट चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस की पार्टी के पास भी छह सांसद हैं. दोनों दलों में सीटों का बंटवारा इसी अनुपात में होने की संभावना है. जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोजपा भी एनडीए में शामिल है, ऐसे में इन्हें भी तीन से चार सीट मिल सकती है. बिहार में बीते रविवार को ही महागठबंधन की सरकार गिरी है जब नीतीश कुमार इस गठबंधन से अलग हो गए. इसके बाद रविवार शाम को ही एनडीए में शामिल होकर उन्होंने नौवीं बार सीएम के रूप में शपथ लिया था।