यहूदीयों ने किया फिलिस्तीनी मुसलमानों का समर्थन,कहा-हम आपके साथ हैं आप अपना बचाव करते रहिए
इजराइल और हमास के बीच एक हफ्ते से जारी जंग अब खतरनाक मोड़ पर पहुंच गई है. 11 लाख लोगों को घर खाली करने के फरमान के बाद इजराइली सेना ने ग्राउंड अटैक शुरू कर दिया है. वे टैंक और बख्तरबंद वाहनों के साथ गाजा की सीमा में घुस गए हैं. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के युद्ध के ऐलान के बाद यहूदी समुदाय ही उनके विरोध में उतर आए हैं. इजराइल से लेकर अमेरिका तक में यहूदी नेतन्याहू का विरोध कर रहे हैं. ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने भी यहूदी समुदाय के लोगों से मुलाकात की. आइए समझते हैं कि आखिर यहूदी ही यहूदी राष्ट्र के विरोध में क्यों हैं और फिलिस्तीनी मुसलमानों का समर्थन क्यों कर रहे हैं?फिलिस्तीनी हथियारबंद संगठन हमास ने इजराइल पर 7 अक्टूबर को ‘मिलिट्री ऑपरेशन’ शुरू किया था।
एक साथ 5000 रॉकेट दागे, जहां इजराइल में एक झटके में सैकड़ों लोगों की जान चली गई. यहूदी समुदाय इससे नाराज है. वे नेतन्याहू का इस्तीफा मांग रहे हैं. कह रहे हैं कि हमास के हमले के लिए सिर्फ और सिर्फ नेतन्याहू शासन जिम्मेदार है. नेतन्याहू पर हमास को उकसाने के आरोप लगते रहे हैं. हमास ने दावा किया था कि यह ऑपरेशन कब्जे वाले पूर्वी यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद पर हमले और फिलिस्तीनियों के खिलाफ इजराइली कब्जेधारियों की बढ़ती हिंसा के प्रतिशोध में शुरू किया गया था.इजराइल में नेतन्याहू के हमास के खिलाफ एक्शन पर यहूदी समुदाय के लोग सड़क पर उतर आए हैं. प्रगर्शनकारियों ने फिलिस्तीन का समर्थन किया और कहा कि नेतन्याहू “यहूदी समुदाय को शर्मसार कर रहे हैं. हम यहूदी होने के नाते शर्मिंदगी महसूस कर रहे हैं. यहूदियों के नाम पर इजराइल का नाम खराब किया जा रहा है.”विरोध-प्रदर्शन में पहुंचे यहूदी समुदाय के एक अन्य शख्स ने कहा, “फिलिस्तीन के लोगों को यह जानना चाहिए कि वहां जो भी चल रहा है उससे हम शर्मिंदा हैं. हम आपके साथ हैं. आप अपना बचाव करते रहें.” उन्होंने कहा, “जायोनी ताकतवर हैं और हम कमजोर लेकिन हम आपके साथ हैं और आखिरी में फिलिस्तीन का झंडा हर तरफ लहरेगा।