जीतनराम मांझी ने नीतीश कुमार को बताया अपने से कम शिक्षित और छोटा,कहा-हमने करीब से देखा है गरीबी
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को डर लगता है। किस बात का और किससे डर लगता है, यह अलग बात है, जिसे उन्होंने साफ-साफ तो नहीं कहा। परंतु इशारों-इशारों में काफी कुछ कह गए।यह मौका था नवादा में जनसभा का। यहां पूर्व सीएम हिन्दुस्तान आवामी मोर्चा की जनसभा को संबोधित कर रहे थे। सभा के लिए विशेष पंडाल बनाया गया था। इसमें करीब 10 हजार लोगों के बैठने की जगह थी।बहरहाल, आइए आपको बताते हैं कि जीतन राम मांझी ने आखिर कहा क्या है। जनसभा को संबोधित करते हुए मांझी ने कहा कि अभी वर्तमान में कुछ मंत्री सीएम नीतीश के नाक के बाल बने हुए हैं और भी बहुत कुछ बने हुए हैं। ज्यादा नहीं बोलेंगे डर लगता है।हमने 34 निर्णय लिया था।
हम गरीब के बेटा। दो रूम में मैं, जानवर, मुर्गी सब साथ में रहे हैं। इसलिए आवास योजना में व्यापक बदलाव किया।सूअर, गाय, मुर्गी, आदमी सब रहे इसके लिए व्यवस्था किए थे। हमने प्रस्ताव बनाने के लिए कहा था। मुझे रफा-दफा कर दिया। गरीब को उस तरह का घर नहीं मिला। जनसभा के दौरान मांझी ने स्थानीय कलाकारों के साथ ढोल भी बजाया।पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने रविवार को नवादा में आयोजित जनसभा के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर प्रहार किया।उन्होंने यहां तक कहा कि नीतीश कुमार मुझसे 2 साल छोटा है, शिक्षा में भी और राजनीति में भी। मांझी ने कहा कि 9 माह हमने बिहार के लिए काम किया। बीच में हटा दिया।जीतन मांझी सीएम वोट से नहीं बना, कुछ लोग सीना तान के कहते हैं, हमने सीएम बनवाया। 2023 तक तेजस्वी को सीएम बनाने के लिए कहा था अब तरह-तरह के नाटक कर रहे हैं।पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश सोचते कुछ और हैं, वह हमें जो बोलते थे, वही किये दो माह तक। नीतीश मुझसे 2 साल छोटा है। शिक्षा में भी राजनीति में भी।मांझी ने कहा कि वह (नीतीश) अपनी पसंद के मंत्री बनाना चाहते थे। एक पुर्जा पर लिस्ट दिए। बिना पूछे मंत्रियों को विभाग बांट दिया।सीएम हम और निर्णय वह ले रहे थे। हम मन मसोसकर सीएम का काम कर रहे थे। मीडिया ने लिखा रबर स्टांप हैं जीतन मांझी।रिमोट से चल रहे, तब मेरी चेतना जाग गई। मुझे भोला शास्त्री की तरह यूज करना चाहे। हम ठोस निर्णय लिए। अपनी मर्जी से काम करना शुरू किए।मांझी ने कहा कि हमने सीएम रहते ठेका के नियमों में बदलाव किया। 75 लाख तक के ठेका में आरक्षण दिया। ठेका लाइसेंस बनवाने में गरीबों की सहभागिता बढ़वाई।आज हजारों गरीब ठेकेदार बने हुए हैं। ठेकेदारी में आरक्षण को सीएम ने आज तक रोक रखा है। आरक्षण बंद करवा रखा है।पूर्व सीएम ने कहा कि मार्केट रेट से गरीबों को जमीन दिलाने के लिए कहा था। 30 जून 2015 तक भूदान की जमीन बांटने के लिए कहा था।वह भी नहीं होने दिया। गरीब आज कब्जे के लिए तरस रहे हैं। नीतीश ने हमें नाजायज ढंग से सीएम पद से हटाया था।पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने प्रदेश की दारूनीति (शराबबंदी) पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि गरीब दवा के रूप में दारू पिएं तो कोई हर्ज नहीं।सुबह में उठकर फ्रेश होकर काम करिह। आज सभी बड़े लोग 10 बजे के बाद दारू पी रहे हैं। मोग-मर्द दोनों पी रहे, उन्हें नीतीश नहीं जेल भेजते।गरीब 500 कमाएगा त दारू के 2 हजार जुर्माना कहां से भरेगा? दारूनीति ठीक, लेकिन गरीबों के साथ अन्याय ठीक नहीं। वैसे दारू नहीं पीना चाहिए। यह अच्छी चीज नहीं है। मेरे घर में भी महुआ दारू चूता था।
दारू में मिलावट से गरीब मर रहे हैं। गरीब ही मर रहे। मजदूर मरते हैं, अमीर तो महंगा दारू पी रहे। ताड़ी प्राकृतिक रस है।इस पर बंदिश ठीक नहीं। पासी समाज को जेल भेजा जा रहा है। सहरसा में चूहा ने दारू नहीं पिया था, थाने से दारू बिकता था।जीतन राम मांझी ने कहा कि बालू खनन से नदी 5 फिट गहरी हो गई। सुखाड़ है, चापाकल फेल। गरीब गंदा पानी पीने को मजबूर। एनजीटी के मना करने पर भी बालू का खनन हो रहा है।बालू के अवैध ढुलाई से सड़क खराब हो रही है। उन्होंने कहा कि जीतन के ‘हम’ को विलय करने की साजिश रची गई। हमें सुविधाओं की बात कहकर प्रलोभन दिया गया।हम खूंटा ऐसे खड़े हैं, छोड़ेंगे नहीं। उन्होंने कहा कि जिसने नीतीश को पलटू कहा, घोटाला किया उसी से गले मिला रखे हैं। हम मिलने वाले नहीं हैं।नवादा की भीड़ नीतीश कुमार देख लें, कपार ठोकना पड़ेगा नीतीश जी को अपनी करनी पर, बहुत अन्याय अनर्थ किया है। नवादा की भीड़ देखकर नीतीश कुमार को तरेगन छूटने लगेगा। पत्रकार की हत्या हो रही, दुष्कर्म बढ़े हैं।पूर्व सीएम मांझी ने कहा कि मोदी जी ने मुझे काफी सम्मान दिया है। देश के लिए बेहतर काम कर रहे हैं। 508 स्टेशन के लिए करोड़ों रुपया दिया है।