बीजेपी पर भड़के कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया,हिंदुत्व के बारे में बात करने का बीजेपी को नहीं है कोई नैतिक अधिकार

 बीजेपी पर भड़के कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया,हिंदुत्व के बारे में बात करने का बीजेपी को नहीं है कोई नैतिक अधिकार
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार (28 दिसंबर) को दावा किया कि हिंदुत्व विचारधारा और हिंदू आस्था के बीच अंतर होता है. बेंगलुरु में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा हिंदू और हिंदुत्व दोनों अलग-अलग हैं. इसको लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है.मुख्यमंत्री ने सॉफ्ट हिंदुत्व का जिक्र करते हुए कहा, “यह सॉफ्ट हिंदुत्व और हार्ड हिंदुत्व किया होता? हिंदुत्व, हिंदुत्व है. मैं एक हिंदू हूं. हिंदुत्व अलग है और हिंदू अलग है.” उन्होंने कहा कि क्या हम राम की पूजा नहीं करते हैं? क्या वे (बीजेपी) ही एकमात्र राम की पूजा के मानने वाले हैं? क्या हमने राम मंदिर नहीं बनाए हैं? क्या हम राम भजन नहीं गाते हैं?

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मिडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सिद्धारमैया ने कहा, “लोग दिसंबर के आखिरी सप्ताह में भजन गाते हैं… मैं अपने गांव में उस परंपरा में हिस्सा लेता था. यह परंपरा अन्य गांवों में भी प्रचलित है. क्या वे (भाजपा) अकेले हैं? क्या हम हिंदू नहीं हैं?”मुख्यमंत्री के बयान को लेकर बीजेपी नेता सीएन अश्वथ नारायण ने तुरंत पलटवार करते हुए कहा कि सिद्धारमैया और कांग्रेस को भारत या हिंदुत्व जैसे मुद्दों को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है. इतना ही नहीं उन्होंने सीएम पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप भी लगाया.उन्होंने जोर देकर कहा, “कांग्रेस ने हमेशा विभाजनकारी राजनीति की है. वह देश के कानून का सम्मान नहीं करती. उन्हें हिंदुत्व के बारे में बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.”वैसे यह पहला मौका नहीं है जब सिद्धारमैया ने हिंदू धर्म को लेकर इस तरह टिप्पणी की हो. इससे पहले उन्होंने फरवरी में कहा था कि हिंदुत्व संविधान के खिलाफ है. हिंदुत्व और हिंदू धर्म अलग-अलग हैं. मैं हिंदू धर्म के खिलाफ नहीं हूं. मैं हिंदू हूं, लेकिन मैं मनुवाद और हिंदुत्व का विरोध करता हूं. कोई भी धर्म हत्या का समर्थन नहीं करता, लेकिन हिंदुत्व हत्या और भेदभाव का समर्थन करता है।

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