जनता की अदालत में पहुंचे केजरीवाल,मोहन भागवत और पीएम मोदी पर बोला जोरदार हमला
राजधानी दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज एक बार फिर से जनता की अदालत में पहुंचे हैं। यहां जंतर मंतर पर वह लोगों को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 4 अप्रैल 2011 को जंतर मंतर से अन्ना आंदोलन शुरू हुआ था। दो साल तक अलग-अलग जगहों पर आंदोलन चला। उस समय की सरकार भी अहंकारी थी, हमारी बात नहीं मानते थे और चैलेंज करते थे कि चुनाव लड़ के दिखाओ जीत कर दिखाओ। हमारे पास ना पैसा था, ना आदमी थे, ना गुंडे थे, हम चुनाव कैसे लड़ते, लेकिन हम भी चुनाव लड़ लिए। जनता ने हमें जिता दिया और दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बन गई। हमने देश में साबित कर दिया कि इमानदारी से चुनाव लड़े भी जा सकते हैं और जीते भी जा सकते हैं। उस समय ये लोग कहते थे कि इनकी तो जमानत जब्त हो जाएगी, लेकिन पहली बार में हमारी 49 दिन की सरकार बन गई थी। पिछले 10 साल से हम लोग दिल्ली के अंदर सरकार चला रहे थे। ऐसी-ऐसी सुविधाएं दीं, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। दस साल इमानदारी से काम किया, मोदी जी को लगने लगा कि अगर इनसे जीतना है तो इनकी इमानदारी पर चोट करो। फिर मोदी जी ने षड़यंत्र रचा कि इनको बेइमान साबित करो और फिर हमारे सारे नेताओं को एक-एक करके जेल में डाल दो। अब हम जेल से बाहर आ गए और बाहर आने के बाद हमने इस्तीफा दे दिया।मैं गंध करने के लिए बाहर नहीं आया था, मुझे सत्ता की भूख नहीं है, मैं पैसे कमाने नहीं आया। देश के लिए आए थे, देश की राजनीति बदलने के लिए आए थे। इन नेताओं को फर्क नहीं पड़ता। मैं नेता नहीं हूं, मेरी मोटी चमड़ी नहीं है, मेरे को फर्क पड़ता है। मुझे जब चोर, भ्रष्टाचारी कहते हैं तो मुझे फर्क पड़ता है। मैं अंदर से बहुत दुखी हूं, इसलिए मैंने इस्तीफा दिया। मैंने अपनी जीवन में केवल इज्जत कमाई है, मेरे बैंक अकाउंट में कोई पैसा नहीं है। जब मैंने इस्तीफा दिया है, आज मेरे पास दिल्ली में घर भी नहीं है रहने के लिए। कई लोग कहते हैं कि दस साल सीएम रहने के बाद दस कोठियां बन जातीं, लेकिन मैंने दस सालों में केवल आपका प्यार कमाया है। आज इतने लोगों के मैसेज आ रहे हैं कि मेरा घर ले लो कोई किराया नहीं लूंगा। श्राद्ध खत्म होने के बाद जब नवरात्रि शुरू होगी तो अपना आवास छोड़ दूंगा और आप में से ही किसी के घर आकर रहूंगा।मोदी जी ने सबसे कठोर केस हमारे ऊपर लगाया, लेकिन केस फर्जी था। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने सबको बेल दे दी। कोर्ट जब तक बाइज्जत बरी नहीं कर देता तब तक मैं दोबारा कुर्सी पर नहीं बैठूंगा, लेकिन वकीलों ने कहा कि ये केस अभी 8-10 साल चलेगा, इसलिए मैं जनता के बीच में आया हूं। मैं दाग के साथ नहीं जी सकता, इसलिए मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि अगर मैं बेइमान होता तो क्या दिल्ली में बिजली फ्री कर सकता था, क्या मैं महिलाओं का किराया फ्री करता, क्या आपके बच्चों के लिए स्कूल बनवाता, क्या आपका इलाज मुफ्त करता? इन लोगों की 22 राज्यों में सरकार है, लेकिन कहीं बिजली फ्री नहीं है, कहीं महिलाओं का किराया फ्री नहीं है, तो चोर कौन है?
आप बताइये कि केजरीवाल चोर है या केजरीवाल को चोर बोलने वाले चोर हैं। ये आरएसएस वाले कहते हैं कि हम राष्ट्रवादी है, देशभक्त हैं, लेकिन आज मैं पूरे सम्मान के साथ मोहन भागवत जी से पांच प्रश्न पूछना चाहता हूं और आपका समर्थन चाहता हूं।पहला सवाल- जिस तरह मोदी जी देश भर में लालच देकर या ईडी और सीबीआई की धमकी देकर, दूसरी पार्टी के नेताओं को तोड़ रहे हैं, क्या ये देश के लिए सही है, क्या आप नहीं मानते कि ये भारतीय जनतंत्र के लिए हानिकारक हैदूसरा सवाल- देश भर में सबसे भ्रष्टाचारी नेताओं को मोदी जी ने अपनी पार्टी में शामिल करवा लिया। जिन्हें उन्होंने खुद भ्रष्टाचारी बोला, उन्हें खुद अपनी पार्टी में शामिल करा लिया। क्या मोहन भागवत जी ने ऐसी राजनीति की कल्पना की थी?तीसरा सवाल- बीजेपी आरएसएस की कोख से पैदा हुई थी। ये देखना आरएसएस की जिम्मेदारी है कि बीजेपी पथभ्रष्ट ना हो, मोहन भागवत जी बताएं कि क्या आपने मोदी जी को कभी रोकाचौथा सवाल- जेपी नड्डा जी ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा कि बीजेपी को अब आरएसएस की जरूरत नहीं है, आरएसएस बीजेपी की मां समान है, तो क्या बेटा इतना बड़ा हो गया कि मां को आंखें दिखाने लगा। जिस बेटे को पाल पोस कर बड़ा किया, आज वो बेटा पलटकर अपनी मां को आंखें दिखा रहा है। मोहन भागवत जी से पूछना चाहता हूं कि जब नड्डा जी ने ये कहा तो आपके दिल पर क्या गुजरी, क्या आपको दुख नहीं हुआ। पांचवा सवाल- मोहन भागवत जी से कहना चाहता हूं कि आप ही लोगों ने कानून बनाया था कि 75 साल का होने पर रिटायर कर दिया जाएगा, अब अमित शाह जी कह रहे हैं कि ये नियम मोदी जी पर लागू नहीं होगा। मोहन भागवत जी से पूछना चाहता हूं कि जो नियम आडवाणी पर लागू हुआ वो मोदी जी पर लागू नहीं होगा?