केंद्र सरकार पर केजरीवाल ने किया पलटवार,पूछा-‘वन नेशन वन इलेक्शन’ से आम आदमी को क्या मिलेगा बताएं सरकार
केंद्र सरकार द्वारा वन नेशन वन इलेक्शन पर जोर देने और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने के फैसले पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने एक ट्वीट कर सवाल उठाया है. उन्होंने अपने ट्वीट में केंद्र सरकार और बीजेपी का नाम लिए बगैर निशाने पर लिया है. उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा है कि आखिर वन नेशन और वन इलेक्शन से आम आमदी को क्या मिलेगा? देश की जरूरत क्या है?सीएम अरविंद केजरीवाल ने पूछा है कि देश के लिए जरूरी वन नेशन वन इलेक्शन है या वन नेशन वन एजुकेशन. अपने सवाल को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने लिखा है कि अमीर हो या गरीब, सबको एक जैसी अच्छी शिक्षा और अच्छा इलाज पहले चाहिए. उन्होंने कहा कि देश को वन नेशन वन एजुकेशन और वन नेशनल वन इलाज की जरूरत है. आम आदमी को वन नेशन वन इलेक्शन से कुछ नहीं मिलेगा.उन्होंने हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर के बहुत सी ऐसी पार्टियां हैं, जो नारे लगाती हैं कि ये मुफ्त लो, वो मुफ्त लो…, वाले बयान का जवाब देते कहा कि खट्टर साहब! हम दिल्ली में फ्री और विश्व स्तरीय शिक्षा देते हैं, फ्री और विश्वस्तरीय इलाज देते हैं. फ्री और 24 घंटे बिजली देते हैं, पानी देते हैं. पंजाब में भी हमने ये सब काम शुरू कर दिए हैं. वहां की जनता इन सुविधाओं से बहुत खुश है।
जल्द ही हरियाणा के लोगों को भी इसका फायदा मिलेगा. दरअसल, हरियाणा के सीएम ने कहा था कि मुफ्त की आदत लगाने की बजाय हमारी सरकार की प्राथमिकता है कि काम करने वाले व्यक्ति की आवश्यताओं को पूरा करके उसके हुनर को निखार कर उसका विकास किया जाए.बता दें कि केंद्र सरकार ने 2 सितंबर को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की जांच के लिए 8 सदस्यीय समिति का गठन किया है. इस कमेटी में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाए गए हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, पूर्व राज्यसभा एलओपी गुलाम नबी आजाद, वित्त कमीशन के पूर्व चेयरमैन एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष सी कश्यप, सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे और पूर्व सीवीसी संजय कोठारी को समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया है. वहीं, दिल्ली के सीएम ने केंद्र इस फैसले पर सवाल उठाया है. उन्होंने पूछा है कि इससे आम आदमी को क्या मिलेगा?