आलोक मेहता के साथ केके पाठक का बन पाएगा समीकरण,चंद्रशेखर से शिक्षा विभाग वापस लेने का समझिए आखिर क्या है कारण?

 आलोक मेहता के साथ केके पाठक का बन पाएगा समीकरण,चंद्रशेखर से शिक्षा विभाग वापस लेने का समझिए आखिर क्या है कारण?
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बिहार सरकार में मंत्रालयों ने बड़ा फेरबदल हुआ है. आरजेडी नेता आलोक मेहता शिक्षा मंत्री बनाए गए हैं. पहले भूमि सुधार व राजस्व मंत्री थे. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को गन्ना उद्योग विभाग का मंत्री बनाया गया है. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर लगातार विवादों में थे. रामचरित मानस पर बयानबाजी सामने आई थी. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक से उनकी बनती नहीं थी. गन्ना उद्योग विभाग आलोक मेहता के पास था. ललित यादव को भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री बनाया गया है. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग भी पहले की तरह उनके पास रहेगा.कुल मिलाकर बिहार के तीन मंत्रियों के विभागों को बदला गया है. ये तीनों मंत्री आरजेडी कोटे के ही हैं. हाल ही में केके पाठक छुट्टी पर गए थे. इस दौरान शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बयान दिया था कि उन्होंने (केके पाठक) ने इस्तीफा दे दिया है. उनके बयानों से माहौल गरमाया हुआ था. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक छुट्टी पर से लौट आए गए हैं. बिहार में उन्हें सीएम नीतीश का बेहद करीबी अधिकारी माना जाता है. एक तरह से देखा जाए तो शिक्षा मंत्री रहे चंद्रशेखर पर केके पाठक भारी पड़ गए हैं. अपने फैसलों की वजह से केके पाठक बिहार में सुर्खियों में रहते हैं.इस घटनाक्रम ने बिहार में एक और संदेश दे दिया है. वो ये है कि नीतीश कुमार ही असली ‘बॉस’ हैं और सरकार में उन्हीं की चलेगी।

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शुक्रवार (19 जनवरी) को आरजेडी चीफ लालू यादव और उनके बेटे डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने सीएम आवास पर जाकर नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. अगले दिन यानी 20 जनवरी को आरजेडी कोटे के मंत्रियों के विभाग को बदल दिया गया.हाल ही में जेडीयू के विधायक संजीव कुमार ने ये तक कह दिया था कि जनता उनकी (शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर) जुबान पर लगाम लगा देगी और जूते का माला पहनाएगी. संजीव कुमार परबत्ता से जेडीयू विधायक के हैं. जेडीयू विधायक का बयान चंद्रशेखऱ के भगवान राम पर की गई टिप्पणी के बाद आया था।

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