भाजपा में शामिल हुए आरसीपी सिंह पर ललन सिंह ने लगाया गंभीर आरोप,कहा-पार्टी में रहते हुए लोगों से वसूलते थे पैसा
एक समय था जब पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता आरसीपी सिंह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी करीबी हुआ करते थे।नीतीश कुमार ने उन्हें अपने पार्टी जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष तक बनाया लेकिन आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार पर कई सारे आरोप लगाकर नीतीश कुमार का साथ छोड़ दिया।लगभग 30 साल तक नीतीश कुमार के साथ साये की तरह रहे आरसीपी सिंह ने अपना जीवन का अहम समय पार्टी के लिए गुजार दिया।जब वह पार्टी में थे तो विपक्षी पार्टी के नेताओं के तरफ से आरोप लगाया जाता था और कहा जाता था की टिकट पाने के लिए पार्टी के नाम पर आरसीपी सिंह को पैसा देना पड़ता है फिर टिकट फाइनल हो पता है।जिसे विपक्षी नेताओं के तरफ से कहा जाता था आरसीपी सिंह अपना टैक्स वसूलते थे।
लेकिन अब आरसीपी सिंह जेडीयू से अलग हो गए हैं तब इसी बात को जेडीयू पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह दोहराते हुए कहा कि “इस बिहार में बहुत चर्चा होती थी-आरसीपी टैक्स, आरसीपी टैक्स. उनको उसकी ही शोहरत हासिल थी. आरसीपी सिंह को बताना चाहिये क्या था आरसीपी टैक्स. वो वसूलते होंगे इसलिए उनको मालूम होगा. आरसीपी सिंह को इस टैक्स के बारे में बताना चाहिये।बीते दिन हीं दिल्ली में आरसीपी सिंह ने बीजेपी का दामन थाम लिया था जिसके बाद जदयू पार्टी में और गर्माहट बढ़ गई है।
आज ललन सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए आरसीपी सिंह के बीजेपी में शामिल होने के पर सवाल कहा कि आरसीपी सिंह को टैक्स वसूलने में शोहरत हासिल थी. बिहार में बहुत चर्चा होती थी आरसीपी टैक्स की. आरसीपी सिंह को बताना चाहिये कि वो टैक्स क्या था. वो टैक्स वसूलते होंगे तभी चर्चा होती थी. ललन सिंह ने कहा कि आरसीपी सिंह कह रहे हैं कि बिहार में भ्रष्टाचार हो रहा है. भ्रष्टाचार तो आरसीपी सिंह ही कर रहे थे. नीतीश कुमार को आंख मूंद कर किसी पर विश्वास करते थे. आरसीपी सिंह पर भी विश्वास किया था लेकिन वे भ्रष्टाचार कर रहे थे।ललन सिंह ने आगे कहा कि हम लोग पहले से जान रहे थे कि आरसीपी सिंह बीजेपी के एजेंट हैं. वे पार्टी में रहकर नीतीश कुमार को कमजोर करने में लगे थे. अब उसकी पुष्टि हो गयी है. अब वे वहीं चले गये हैं जहां उनको जाना था. ललन सिंह ने कहा कि आरसीपी सिंह को कोई नहीं पूछ रहा है. वे बिहार में महाराष्ट्र की तरह का खेल करने वाले थे लेकिन उनकी दाल नहीं गली. क्योंकि पहले से ही लोग सतर्क थे।,