जन औषधि केंद्र के माध्यम से 1000 करोड़ रुपए की बेची गई दवा,आम जनता को करोड़ों रुपए की हुई बचत
बजट सत्र की शुरुआत में अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने जन औषधि केंद्र की चर्चा की है। इसमें बताया है कि भारत सरकार की इस पहल ने आम लोगों के कई करोड़ पैसे बचाए हैं। इस परियोजना के तहत इस साल 1000 करोड़ रुपए की दवा बेची गई है। बता दें कि सरकार का टारगेट देशभर में 25, 000 नए औषधि केंद्र खोलने का है। इसके तहत मिलने वाली दवाओं में 75 फीसदी तक की छूट का ऐलान हो सकता है। जन औषधि केंद्र भारत सरकार द्वारा प्रधान मंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत आम लोगों के लिए बड़ी स्वास्थ्य से जुड़ी योजना है। दरअसल, इस योजना के तहत आम लोग कम रेट पर सस्ती दवाएं खरीद सकते हैं। इन जनऔषधि केंद्रों में 600 प्रकार की जेनेरिक दवाएं मिलती हैं। इन जेनेरिक दवाओं की खास बात यह होती है कि ये दवा जिस सॉल्ट से बनी होती है, उसी के नाम से जानी जाती है। जैसे- दर्द और बुखार की जवा पैरासिटामोल सॉल्ट को कोई कंपनी इसी नाम से बेचे तो ये जेनेरिक दवा कहलाएगी। लेकिन, किसी ब्रांड जैसे- क्रोसिन के नाम से बेचा जाए तो ये ब्रांडेड दवा कहलाएगी। तो, जेनेरिक दवा सस्ती होती है और ब्रांडेड दवा महंगी। ऐसे में आप जन औषधि केंद्र से ये दवाएं सस्ते दामों पर पा सकते हैं।