ललन सिंह से पार्टी के ज्यादातर विधायक हैं नाराज,अध्यक्ष पद से जल्द हीं हटाए जाने की खबरें हुई तेज

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से नाराजगी की खबर सियासी गलियारों में जोरशोर से चल रही है. हटाए जाने की भी चर्चा है. सवाल यह है कि नाराजगी की वजह क्या है? जेडीयू अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष को क्यों हटाएगा? कई बिंदुओं और राजनीतिक एक्सपर्ट के बयानों से खबर को समझिए.दरअसल, नीतीश कुमार को लग रहा है कि ललन सिंह जो हैं वो लालू यादव और तेजस्वी यादव के ज्यादा करीब हो गए हैं. ये बात नीतीश कुमार को अच्छी नहीं लग रही है. बताया जाता है कि ललन सिंह से पार्टी के ज्यादातर विधायक नाराज हैं. विधायकों की शिकायत है कि ललन सिंह उनसे मिलते नहीं हैं. विधायकों की शिकायत के बारे में नीतीश कुमार को भी पता है. ये भी एक बड़ी वजह बताई जाती है.बताया जाता है कि ललन सिंह ने नीतीश कुमार से वादा किया था कि अगर उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाता है तो देशभर में पार्टी का विस्तार करेंगे. इसी वादे पर भरोसा करके नीतीश कुमार ने 31 जुलाई 2021 को ललन सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था, लेकिन ललन सिंह चुनाव में पार्टी को कामयाबी दिलाने में फेल हो गए. साल मेघालय में जेडीयू ने तीन उम्मीदवार उतारे, पार्टी तीनों हार गई. 2023 में ही मध्य प्रदेश में 10 सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ी लेकिन सब पर हार गई ।

वरिष्ठ पत्रकार संतोष यादव कहते हैं कि राजनीति गलियारों में काफी दिनों से इसकी चर्चा हो रही है कि ललन सिंह और नीतीश कुमार में अब नहीं बन रही है. वैसे ललन सिंह के दो साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है. 29 दिसंबर को जेडीयू की होने वाली बैठक को लेकर कहा कि इस तरह की बैठक हर साल होती है. इसमें अब बात ललन सिंह को हटाने की भी चल रही है. ललन सिंह की जगह पर ऐसी चर्चाएं हैं कि अतिपिछड़ा जाति से रामनाथ ठाकुर या दलित समाज से अशोक चौधरी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है.हालांकि चुनावी समर में ललन सिंह ने मणिपुर में लाज रखी, जहां 2022 में हुए विधानसभा के चुनाव में नीतीश की पार्टी ने 38 में छह सीटों पर जीत दर्ज की, लेकिन यह बड़ी बात नहीं है. ललन सिंह को लेकर जेडीयू के विधायक संजीव सिंह का कहना है कि अध्यक्ष का हटना लगा रहता है. ये कोई मुद्दा नहीं है।