नेशनल पीपुल्स पार्टी ने अपना समर्थन वापस लेकर मणिपुर में करने जा रही है बड़ा खेल?बीरेन सरकार पर आई संकट !

 नेशनल पीपुल्स पार्टी ने अपना समर्थन वापस लेकर मणिपुर में करने जा रही है बड़ा खेल?बीरेन सरकार पर आई संकट !
Sharing Is Caring:

मणिपुर में इस वक्त हालात बेहद तनावपूर्ण हैं. वैसे तो यह राज्य पिछले एक साल से अधिक समय से हिंसा से प्रभावित है. मगर ताजा हालातों ने एक बार फिर बीरेन सरकार की टेंशन बढ़ा दी है. नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने बीरेन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या एनपीपी के समर्थन वापसी से मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की कुर्सी चली जाएगी? क्या है विधानसभा में नंबर गेम?मणिपुर की ताजा स्थिति को देखते हुए नेशनल पीपुल्स पार्टी ने मणिपुर की भाजपा नीत सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. एनपीपी ने कहा है कि बीरेन सरकार हिंसा से प्रभावित मणिपुर में स्थिति को सामान्य करने में पूरी तरह से नाकाम रही है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे पत्र में एनपीपी ने दावा किया कि पिछले कुछ दिनों में मणिपुर में स्थिति और बिगड़ गई है. कई निर्दोष लोगों की जान गई है.मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा में एनपीपी के सात विधायक हैं. हालांकि, एनपीपी के समर्थन वापसी से बीरेन सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि एनडीए के कुल विधायकों की संख्या 53 है. इनमें बीजेपी के विधायकों की संख्या 37 है जबकि नगा पीपुल्स फ्रंट (NPF) के पांच और जेडीयू के एक और निर्दलीय तीन विधायकों का समर्थन प्राप्त है. वहीं, दूसरी तरफ विपक्षी दलों में कांग्रेस के पांच और केपीए के दो विधायक हैं. इससे पहले कुकी पीपुल्स पार्टी (KPA) ने जातीय हिंसा के मद्देनजर राज्य की NDA सरकार से समर्थन वापस ले लिया था.हिंसा प्रभावित मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा भड़क गई. हिंसक विरोध प्रदर्शन की ताजा घटनाएं शनिवार रात को हुईं।

1000428483

जिरीबाम जिले में उग्रवादियों ने तीन महिलाओं और तीन बच्चों की हत्या कर दी थी. इस घटना से गुस्साए लोगों ने 16 नवंबर को मणिपुर के तीन मंत्रियों और छह विधायकों के घरों पर हमला कर दिया था. उनके घरों में आगजनी की थी. मंत्रियों और विधायकों की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. इसके बाद राज्या में हालात तनावपूर्ण हो गए. सात जिलों में इंटरनेट सेवा ठप कर दी गई. अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया.अमित शाह ने की समीक्षा बैठकमणिपुर में मौजूदा स्थिति को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को समीक्षा बैठक की. इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री ने टॉप अधिकारियों को पूर्वोत्तर राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया. मणिपुर में फिलहाल क्या स्थिति है, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को महाराष्ट्र में अपनी सभी रैलियां रद्द कर दीं और अचानक नागपुर से दिल्ली आ गए. दिल्ली आकर शाह ने अधिकारियों के साथ मणिपुर में सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया और इसको लेकर एक बैठक की.मणिपुर पिछले एक साल से अधिक समय से जातीय संघर्ष से जूझ रहा है. मणिपुर में बहुसंख्यक मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में राज्य के पर्वतीय जिलों में जनजातीय एकता मार्च निकाले जाने के बाद पिछले साल 3 मई को जातीय हिंसा भड़क गई थी. राज्य में तब से जारी हिंसा में कुकी और मैतेई समुदायों के 220 से अधिक लोग और सुरक्षाकर्मी मारे जा चुके हैं. हजारों लोग बेघर हुए हैं।

Comments
Sharing Is Caring:

Related post