भतीजे अजित ने चाचा शरद पवार पर बोला हमला,मैंने 60 साल की उम्र में अलग होने का फैसला किया. कुछ ने तो 38 साल की उम्र में अलग होने का निर्णय ले लिया था
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने एनसीपी प्रमुख व अपने चाचा शरद पवार पर कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा कि मैंने 60 साल की उम्र में अलग होने का फैसला किया. कुछ ने तो 38 साल की उम्र में अलग होने का निर्णय ले लिया था. वसंतदादा पाटिल को किनारे कर दिया गया. वसंतदादा एक अच्छे नेता थे. दरअसल, रविवार को अजित पवार बारामती में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।अजित पवार ने इस साल जुलाई में 40 से अधिक विधायकों के साथ शिंदे-फडणवीस सरकार के साथ हाथ मिला लिया था. वह अपने इसी फैसले और 1978 में शरद पवार के कांग्रेस से अलग होने के फैसले का जिक्र कर रहे थे. 1978 में 38 साल की उम्र में शरद पवार कांग्रेस से अलग हो गए थे और उन्होंने जनता पार्टी और पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी के साथ गठबंधन में प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक फ्रंट का गठन किया था. उन्होंने वसंतदादा पाटिल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को गिरा दिया था और फिर मुख्यमंत्री बन गए।
अजित पवार ने दावा किया कि उन्हें एनसीपी के 53 में से 43 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. उन्होंने कहा कि 9 एमएलसी में से छह मेरे साथ हैं. दो निर्दलीय विधायक भी मेरे साथ हैं. छगन भुजबल और हसन मुश्रीफ जैसे वरिष्ठों के साथ युवा विधायकों ने भी मेरे साथ हाथ मिलाया है. अजीत पावर ने वरिष्ठ पवार से उन्हें समझने की अपील की।उन्होंने कहा कि पूरे एक साल से चर्चा चल रही थी. मैंने सही निर्णय लिया और इसलिए पार्टी के कई कार्यकर्ता और नेता साथ आए. मैंने उन्हें कोई धमकी नहीं दी है. सत्ता में रहने से हमें फायदा हो रहा है. उन्होंने लोगों से कहा कि आपसे वादा करता हूं कि मैं जो भी निर्णय लूंगा वह आपके सर्वोत्तम हित में होगा. जब से मैं उपमुख्यमंत्री बना हूं तब से मैं कई मुख्यमंत्रियों से मिल चुका हूं।