चमगादड़ और सूअर से फैल रहा है निपाह वायरस,कोविड से कई गुना ज्यादा है खतरनाक
केरल में निपाह वायरस ने एक बार फिर से दस्तक दे दी है. राज्य में अब तक 5 से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं. दो मरीजों की जान भी चली गई है. वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए केरल में कई तरह की पाबंदियां भी लगाई जा रही हैं. चिंता की बात यह है कि जो व्यक्ति संक्रमित मिला है वह करीब 700 लोगों के संपर्क में आ चुका है. ऐसे में पूरे राज्य में निपाह के मामले तेजी से बढ़ने की आशंका है. इस बार केरल में निपाह वायरस का जो स्ट्रेन मिला है वह काफी खतरनाक है. इससे मृत्यु दर अधिक है. ये तेजी से एक से दूसरे इंसान में फैलता है. निपाह वायरस सीधे दिमाग पर असर करता है. इससे ब्रेन में सूजन आ जाती है, जो बाद में मौत का कारण बनती है।
निपाह से केरल में बच्चे भी संक्रमित हो रहे हैं. इसको देखते हुए केरल के आसपास के राज्य भी अलर्ट पर हैं.डॉक्टरों के मुताबिक, निपाह के मामले भारत में पहले भी आते रहे हैं, लेकिन इस बार स्ट्रेन काफी खतरनाक है. निपाह वायरस की संक्रमण दर भले ही कम है, लेकिन इससे संक्रमित व्यक्ति की जान बचाना काफी मुश्किल हो जाता है. अगर वायरस का प्रभाव दिमाग पर हो जाता है तो मरीज की हालत बिगड़ जाती है. कई मामलों में निपाह से संक्रमित व्यक्ति को वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत पड़ती है. शुरुआत में लक्षण हल्के ही होते हैं, लेकिन तीन से चार दिन के भीतर ही वायरस का असर दिखने लगता है और ये मरीज को अस्पताल पहुंचा देता है. निपाह का खतरा कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों और पुरानी बीमारी से पीड़ित मरीजों को ज्यादा होता है.सफदरजंग हॉस्पिटल में डॉ दीपक कुमार बताते हैं कि निपाह वायरस संक्रमित चमगादड़ और सूअर से फैलता है. इनके संपर्क में आने से यह वायरस इंसानों में फैल जाता है. इसके बाद ये एक से दूसरे व्यक्ति में भी फैलने लगता है. खांसी और छींक के दौरान शरीर से निकले ड्रॉपलेट के माध्यम से एक से दूसरे इंसान में इस वायरस का ट्रांसमिशन होता है.अगर वायरस से संक्रमित चमगादड़ और सूअर किसी फल या सब्जी को खाता है और बाद में उस फल को कोई जानवर या इंसान खा ले तो इससे भी वायरस इंसानों में फैल जाता है. निपाह वायरस की जांच भी हिस्टोपैथोलॉजी और आरटी-पीसीआर के जरिए होती है.निपाह वायरस कोरोना से भी अधिक खतरनाक है. इससे मृत्यु दर कोविड से ज्यादा है. कोरोना मरीज के लंग्स पर असर करता था, लेकिन निपाह वायरस ब्रेन को नुकसान पहुंचाता है. चूंकि दिमाग से ही शरीर के कई अंग काम करते हैं तो अगर ब्रेन में इंफेक्शन हो जाता है तो मरीज की जान बचाना मुश्किल हो जाता है।