कांग्रेस के हार से काफी खुश हैं नीतीश कुमार?अब इंडिया की मजबूरी बनेंगे सीएम नीतीश
आम तौर पर हिंदी क्षेत्रों में हुए चुनाव परिणाम का प्रभाव बिहार की सियासत पर पड़ता रहा है. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना के चुनाव परिणाम आने के बाद भी माना जा रहा है कि यह आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति पर भी बड़ा प्रभाव डालेंगे. बिहार में भले नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के अलग होने के बाद बीजेपी ने सभी 40 लोकसभा क्षेत्रों में तैयारी शुरू कर दी है. तीन राज्यों में स्पष्ट बहुमत वाली जीत ने प्रदेश बीजेपी में एक जान फूंक दी है, वहीं विपक्ष कांग्रेस काफी चिंता में है।इसमें कोई शक नहीं है कि बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन जातीय गणना और आरक्षण की सीमा को बढ़ाए जाने के बाद उत्साहित दिख रही थी।
इन प्रदेशों के चुनाव में कांग्रेस ने भी जातीय गणना को बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश की थी, लेकिन जिस तरह जनादेश आया, उससे इस मुद्दा को लेकर फ्रंटफुट पर गई महागठबंधन बैकफुट पर पहुंच गई लगती है. वैसे इस परिणाम का सबसे अधिक प्रभाव इंडिया गठबंधन पर देखने को मिलने की संभावना जताई जा रही है. चुनाव परिणाम के बाद जिस तरह जेडीयू के नेता आक्रामक तरीके से कांग्रेस की हार बता रहे हैं, उससे साफ है कि इस परिणाम से कहीं न कहीं जेडीयू खुश है।