पशुपति पारस और चिराग मामले में अब बीजेपी की हुई एंट्री,पारस को बीजेपी विधायक ने बताई असली उतराधिकारी
बिहार की हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर एनडीए को दो सहयोगी आमने-सामने हैं। केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस हाजीपुर से लोकसभा सांसद हैं। वे अपनी सीट पर दांवा ठोंक रहे हैं। इधर पशुपति पारस के भतीजे जमुई सांसद चिराग पासवान भी अपनी मां रीना पासवान को हाजीपुर से लड़ाने की बात कर रहे हैं। चिराग का कहना है कि ये सीट उनके पिता की विरासत है। इसके वे उत्तराधिकारी हैं। वहीं पारस का कहना है कि ये सीट उन्हें उनके भाई से खुद दी थी। वे अपने भाई के असली ‘उत्तराधिकारी’ हैं। इस बीच भागलपुर जिले के पीरपैंती से बीजेपी विधायक ललन कुमार इस विवाद में कूद पड़े और उन्होंने केंद्रीय मंत्री पारस को स्वर्गीय राम विलास पासवान का ‘असली’ राजनीतिक उत्तराधिकारी बताया है।
रविवार को बीजेपी विधायक ललन कुमार ने चिराग को ‘दलित विरोधी और पासवान विरोधी’ भी करार दिया। उन्होंने कहा कि चिराग को ‘गठबंधन की राजनीति’ का कोई ज्ञान नहीं है।पशुपति पारस और चिराग के बीच हाजीपुर सीट को लेकर तीखी खींचतान चल रही है। हाजीपुर सीट का दिवंगत रामविलास पासवान ने रिकॉर्ड आठ बार प्रतिनिधित्व किया है। जुलाई में चिराग के एनडीए में लौटने के बाद भी टकराव कम होने का नाम नहीं ले रहा है, जिससे बीजेपी को काफी शर्मिंदगी उठानी पड़ी। अगर बीजेपी विधायक की टिप्पणी कोई संकेत है, तो बीजेपी दोनों पासवानों के बीच चल रही जुबानी जंग से बिल्कुल भी खुश नहीं है।विधायक ललन कुमार ने कहा कि दिवंगत रामविलास पासवान ने राष्ट्रीय राजनीति में जाने पर अपनी अलौली विधानसभा सीट (खगड़िया जिले में) पहले पारस को सौंपी थी और फिर जब उन्होंने 2019 में सक्रिय चुनावी राजनीति छोड़ने और राज्यसभा के लिए नामांकित होने का फैसला किया, तो उन्होंने अपनी हाजीपुर लोकसभा सीट भी अपने छोटे भाई को दे दी थी।कुमार ने रविवार को मीडियाकर्मियों को बताया, ‘पशुपति कुमार पारस को लोकसभा में वही सीट आवंटित की गई थी, जहां दिवंगत पासवान कभी बैठते थे और फिर उसी पोर्टफोलियो को संभाला, जो दिवंगत दलित नेता ने संभाला था।’ उन्होंने कहा कि पशुपति पारस को अपने जीवन में संघर्षों का सामना करना पड़ा, जबकि चिराग ने कभी ऐसी स्थिति का सामना नहीं किया।चिराग के हाजीपुर सीट के दावे को ‘बकवास’ बताते हुए बीजेपी विधायक कुमार ने कहा कि यह एनडीए को तय करना है कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘एनडीए ने अभी तक सीटों के बंटवारे पर फैसला नहीं किया है।’ उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का फैसला एक समिति करती है, न कि कोई व्यक्ति करता है।