हिमाचल प्रदेश में ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन की संख्या बढ़ाई जाए: सीएम सुक्खू
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबंधित विभागों को स्वचालित मौसम स्टेशनों की संख्या बढ़ाने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश दिया. सीएम सुक्खू ने प्रदेश में मौसम वेधशाला केंद्र स्थापित करने पर भी जोर दिया. हिमाचल सरकार के एक आधिकारिक बयान में गुरुवार को कहा गया कि राज्य में अधिक एडब्ल्यूएस से मौसम पूर्वानुमान से संबंधित वास्तविक समय डेटा प्राप्त करने में मदद मिलेगी, जिससे समय के भीतर उचित उपाय करने में मदद मिलेगी. वही दूसरी तरफ बता दें कि इधर हिमाचल प्रदेश में बारिश और भूस्खलन ने भारी आफत मचाई है. अब तक 330 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं कई लोग घायल हुए हैं. 13 अगस्त के बाद से हुए हादसों में 74 लोगों की जान जा चुकी है.वहीं, प्रदेश में अब तक 7,700 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है. शिमला में हुई लैंडस्लाइड में अब तक 15 लोगों के शव बरामद कर किए जा चुके हैं. हालांकि, मलबे में अब भी 6 लोगों के दबे होने की आशंका है. इलाके में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. इस बीच, हिमाचल में एक और नया संकट मंडराने लगा है.मंडी शहर की प्रसिद्ध टारना पहाड़ी अब धंसने की कगार पर पहुंच गई है. इस पहाड़ी में बड़ी-बड़ी दरारें दिख रही हैं. सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे दिखाई दे रहे हैं. स्थानी लोगों के मुताबिक, आस-पास बने घर कभी भी ढह सकते हैं.कुदरत की ये तबाही हिमाचल के साथ उत्तराखंड में भी आई है और इसका असर पंजाब तक है. इन राज्यों में NDRF की 30 टीमें ग्राउंड पर रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हैं. 13 से 15 अगस्त के बीच मंडी जिले में हुई भारी बारिश के कारण बडी़ तबाही हुई है. यहां के 267 लोगों के घर पूरी तरह से जमींदोज हो चुके हैं. 31 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है.