23 जून को होगी विपक्षी दलों की बैठक,राहुल गांधी-खरगे होंगे शामिल,स्टालिन और केजरीवाल ने भी जताई सहमति

 23 जून को होगी विपक्षी दलों की बैठक,राहुल गांधी-खरगे होंगे शामिल,स्टालिन और केजरीवाल ने भी जताई सहमति
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बीजेपी विरोधी दलों को एकमंच पर लाने की कोशिश में लगे नीतीश कुमार की कोशिश एकबार फिर कामयाब होते नजर आ रही है. विपक्षी एकता की कवायद में पटना में होने वाली मीटिंग की नई तारीख का ऐलान कर दिया गया है. जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक साझा प्रेस कांफ्रेंस में इसका ऐलान किया है. इस दौरान दोनों नेताओं ने कहा कि विपक्षी एकता की बैठक 23 जून को होगी. इसके लिए सभी पार्टियों के नेता की सहमति मिल गई है. सब की सहमति से 23 जून को बैठक होगी.बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल, तमिलनाडु सीएम स्टालिन, 58120423pti04122023000263b 1 1681337761 scaledपश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, भाकपा माले के दीपंकर भट्टाचार्य समेत सभी वाम दलों के शीर्ष नेता शामिल होंगे. दरअसल बिहार के सीएम नीतीश कुमार लगातार विपक्षी एकता की कवायद में लगे हुए हैं. वही दुसरी तरफ बता दें कि इधर लोकसभा चुनाव की तैयारी राजनितिक दलों ने शुरु कर दी है। बिहार में तो इसको लेकर बीजेपी विरोधी दलों का सबसे बड़ा महाजुटान होने वाला है. इधर, बीजेपी भी बिहार में एक्टिव प्लस मोड में है. बीजेपी जहां खुलकर हिन्दुत्व का कार्ड खेल रही है तो वहीं महागठबंधन के जातीय कार्ड का जवाब देने के लिए भी तैयार है. वही आपको बता दें कि इसी माह में पीएम मोदी और उसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की रैली होने वाला है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इन दो बड़े नेताओं की रैली से बीजेपी को बहुत फायदा होने वाला है।बीजेपी चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा को पहले ही पाले में ला चुकी है. 07 09 2022 nitish kumar akhilesh yadav 23048995अब उसकी नजर मुकेश सहनी और जीतन राम मांझी पर है.दरअसल, जीतन राम मांझी ने महागठबंधन में पांच सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है. मांझी ने मांग नहीं माने जाने पर और भी राजनीतिक विकल्प हैं, ये भी इशारों में बता दिया है. पिछले दिनों जीतन राम मांझी ने दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात की थी. इसके बाद से मांझी के सुर बदल गए हैं. नीतीश का साथ नहीं छोड़ने की कसम खाने वाले मांझी ने कहा कि राजनीतिक वादे तोड़े भी जा सकते हैं.जीतन राम मांझी के ऐलान के बाद महागठबंधन में हल-चल है. हल-चल भले ही न सही, लेकिन इधर बिहार NDA में भी सीट शेयरिंग को लेकर सुगबुगाहट है. बिहार NDA में अभी घोषित रूप से पशुपति पारस गुट की एलजेपी ही है, लेकिन चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा का आना भी तय माना जा रहा है. मुकेश सहनी ने भी बीजेपी के साथ आने के संकेत दिए हैं. मांझी को पाले में लाने की भी तैयारी हो रही है. ये सभी पार्टी अगर साथ आती हैं तो बिहार में बीजेपी का भी कुनबा बड़ा हो जाएगा, तब बीजेपी सीटों की शेयरिंग कैसे करेगी?.कहा जा रहा है कि बीजेपी बिहार में 30 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. 10 09 2022 nitish mamta 23058021नाम नहीं बताने की शर्त पर बीजेपी के एक नेता ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी के 40 सीटों के शेयरिंग का गणित भी बताया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी 30 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती. बाकी 10 सीट वह सहयोगियों के साथ शेयर करेगी. इसमें एलजेपी के दोनों गुट को चार सीट, दो सीट मुकेश सहनी और दो सीट उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को दी जा सकती है. जीतन राम मांझी एनडीए के साथ आते हैं तो उनकी पार्टी को भी दो सीट दी जा सकती है. मांझी के साथ नहीं आने की सूरत में वो दो सीट एलजेपी के खाते में जाएगी.

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