AAP के लिए साख बना अध्यादेश,BJP या INDIA में कौन ताकतवर?
दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़ा बिल आज लोकसभा में पेश किया जाएगा. बीते मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने इस बिल पर अपनी मुहर लगा दी थी. इस मुद्दे पर एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच घमासान होना तय है. केजरीवाल ने तमाम बीजेपी विरोधियों से मिलकर संसद में इस बिल को गिराने की अपील की है और कहा कि अगर विपक्ष इस बिल को पारित होने से रोक पाता है तो यह सरकार की बड़ी हार होगी. वही दूसरी तरफ बता दें कि इधर राज्यसभा में कुल सदस्यों की संख्या 237 है. ऐसे में यहां पर किसी भी अध्यादेश को पास कराने के लिए 119 सांसद चाहिए. यहां बीजेपी के सांसदों की संख्या 92 है, मनोनीत सांसदों को जोड़ ले तो यह संख्या 97 हो जाती है. इसके साथ ही अगर एनडीए में शामिल पार्टियों के सांसदों को मिला ले तो यह आंकड़ा 111 हो जाता है. सरकार के पास अध्यादेश पारित कराने के लिए अभी भी 8 सांसद कम हैं. जाहिर है, ऐसे में सरकार को एनडीए और इंडिया दोनों से दूरी बनाकर चल रही पार्टियों से समर्थन की दरकार होगी. दरअसल आपको मालूम हो कि बीजेडी के राज्यसभा में 9, बीआरएस के 7 और वाईआरएस कांग्रेस के 9, जेडीएस, टीडीपी और बीएसपी के एक-एक सांसद है. एनडीए और इंडिया से दूरी बनाकर चल रहे इन दलों की राज्यसभा में संख्या 28 है. इन दलों को देखकर ऐसा लगता है कि सरकार को 8 सांसदों का समर्थन हासिल करना मुश्किल नहीं है.