पाकिस्तान और चीन ने भारत की बढ़ाई टेंशन,भारतीय नौसेना हुई अलर्ट

 पाकिस्तान और चीन ने भारत की बढ़ाई टेंशन,भारतीय नौसेना हुई अलर्ट
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भारतीय नौसेना हाई अलर्ट पर है। क्योंकि चीन और पाकिस्तान की नौसेनाएं मुंबई के करीब कराची में साथ दिखाई दे रही हैं। दोनों नौसेनाएं बड़े जंगी अभ्यास को अंजाम देने में जुटी हुई है। अरब सागर में चीन और पाकिस्तान की नौसेना का यह अब तक का सबसे बड़ा जंगी अभ्यास है। इस अभ्‍यास ने भारत की एजेंसियों का सिरदर्द बढ़ा दिया है। कराची में चीन की सबमरीन डटी हुई है। यह भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। क्योंकि यह मुंबई के काफी करीब है। हालांकि भारत भी इस युद्धाभ्‍यास को देखते हुए हाई अलर्ट पर है। जानकारी के मुताबिक भारत का सर्विलांस एयरक्राफ्ट चीन की पनडुब्‍बी पर नजर रखे हुए है।

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चीन पाकिस्‍तान के इस युद्धाभ्‍यास को सी-गार्डियन-3 नाम दिया गया है।कराची में इस समय चीन के युद्धपोतों से लेकर एक पनडुब्‍बी और सहायक जहाज मौजूद हैं। कराची बंदरगाह जो अरब सागर पर बना है, वहां पर नौ दिनों तक यह युद्धाभ्‍यास चलने वाला है। चीन की टाइप-039 पनडुब्‍बी और इसके सहायक जहाज पर भारत नौसेना का सर्विलांस एयरक्राफ्ट पी8 नजर रख रहा है। न सिर्फ इस पनडुब्‍बी पर बल्कि उसके बाकी जहाजों पर भी भारत की करीबी नजर है। चीन की पनडुब्‍बी और उसके युद्धपोतों ने मलक्का जलडमरूमध्य से एंट्री की है। यह क्षेत्र भी भारत के लिए रणनीतिक तौर पर काफी अहम है। साल 2013 के बाद से यह आठवां मौका है जब चीनी नौसेना ने हिंद महासागर में कोई पनडुब्बी तैनात की है।चीन की टाइप 039 पनडुब्बी, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (PLAN) की डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों का एक ग्रुप है। इस ग्रुप की सभी पनडुब्बियां चीन में विकसित होने वाली पहली डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी है। सी गार्डियन-3 ड्रिल ऐसे समय में हो रही है जब हिंद महासागर में चीन की गतिविधियों में तेजी से इजाफा हुआ है। चीन ने हॉर्न ऑफ अफ्रीका में जिबूती में एक बड़े मिलिट्री बेस की स्थापना की है। जहां कराची पोर्ट पर चीनी सबमरीन और जंगी जहाज मौजूद हैं। वहीं भारत के दक्षिण में कोलंबो पोर्ट पर चीनी ‘जासूसी’ जहाज भी तैनात है। भारत के ऐतराज के बावजूद कोलंबो पोर्ट पर चीनी जहाज की तैनाती को श्रीलंका चीन के दबाव में नहीं रोक पाया। कहने को तो चीन इसे रिसर्च शिप कहता है, जिसमें चीनी और श्रीलंकाई वैज्ञानिक रिसर्च करते हैं। लेकिन इसके बहाने चीन की ‘जासूसी’ हरकतों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

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