राहुल गांधी के बताए हुए रास्ते पर नहीं चले पार्टी के नेता,हरियाणा में हार का सबसे बड़ा कारण आया सामने!
हरियाणा विधानसभा चुनाव की जीती सियासी बाजी कांग्रेस हार गई और बीजेपी ने लगातार तीसरी बार सत्ता को अपने नाम कर लिया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी 2024 के ब्रह्मास्त्र संविधान, आरक्षण और जातीय जनगणना के साथ हरियाणा के रण में डंकी रूट और ड्रग्स मुद्दे का नैरेटिव सेट करने की कोशिश कर रहे थे. वहीं, भूपेंद्र सिंह हुड्डा किसान, जवान और पहलवान के मुद्दे पर सियासी बिसात बिछाने में जुटे थे. इस तरह राहुल गांधी के नक्शेकदम पर चलने के बजाय भूपेंद्र हुड्डा का अलग धारा में चलना और परंपरागत तरीके से ‘चौधराहट’ की राजनीति करना चुनाव में सियासी महंगा पड़ गया?लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ब्रह्मास्त्र के रूप में तीन मुद्दे संविधान, आरक्षण और जातिगत जनगणना को लेकर आए थे. इसी मुद्दे के दम पर कांग्रेस के नेतृत्व वाला इंडिया गठबंधन बीजेपी को 240 सीटों पर रोकने में सफल रहा था. राहुल गांधी इस विनिंग फॉर्मूले को हरियाणा में आजमाने का दांव चल रहे थे।
कांग्रेस के कैंपेन को राहुल लोकसभा वाले तीन मुद्दों के इर्द-गिर्द रख रहे थे, लेकिन कुमारी सैलजा की नाराजगी और हुड्डा के विपरीत सियासी एजेंडे ने अलग ही सियासी रंग ले लिया. इस तरह हरियाणा की चुनावी बाजी कांग्रेस के हाथ से निकल गई।कुमारी सैलजा के बहाने बीजेपी ने दलित स्वाभिमान और आरक्षण को मुद्दे को सियासी हथियार बनाने का मौका नहीं गंवाया. हुड्डा का किसान, जवान और पहलवान के एजेंडे पर डटे रहने के चलते हरियाणा का चुनाव जाट बनाम गैर-जाट में तब्दील हो गया. इस तरह से कांग्रेस के 36 बिरादरी को साथ लेकर चलने की रणनीति फेल हो गई. चुनावी नतीजों ने साबित कर दिया कि कांग्रेस का किसान, जवान और पहलवान का जो नैरेटिव सेट किया था, लेकिन यह तीनों ही मुद्दे जाट समुदाय से ही कहीं न कहीं जुड़े हुए हैं।