सरकार के इस फैसले से खत्म हो रही लोगों की नौकरियां,बंद होने लगी कंपनियां
ऑनलाइन गेमिंग की फुल फेस वैल्यू पर 28 फीसदी जीएसटी के कदम ने इसके एग्जीक्यूशन से पहले ही इस सेक्टर में समस्या पैदा करना शुरू कर दिया है. छंटनी का दौर शुरू होने के साथ कंपनियों के बंद होने और शटडाउन और फंडिंग कमी जैसे मामले सामने आने लगे हैं. बेंगलुरु बेस्ड यूनिकॉर्न कंपनी मोबाइल प्रीमियर लीग ने एक्स्ट्रा टैक्स का हवाला देते हुए 350 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है.कविन भारती मित्तल के रश गेमिंग यूनिवर्स ने भी जीएसटी के असर की आशंका से 55 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. जोकि कंपनी कंपनी के वर्कफोर्स का करीब 25 फीसदी है. कई छोटी कंपनियां या तो बंद हो रही हैं या बड़े प्लेटफार्मों के साथ मर्ज होने के बारे में विचार कर रही है.वहीं दूसरी ओर कैपिटल वेंचर्स ने भी इन कंपनियों में फंडिंग से हाथ खींचते हुए गेमिंग की उन कंपनियों पर पैसा लगा रहे हैं, जिन पर जीएसटी का असर नहीं है. इंवेस्टर्स का अनुमान है कि इस सेक्टर के बड़े प्लेयर्स की वैल्यूएशन में भी गिरावट देखने को मिल सकती है.