इजराइल-हमास युद्ध के वजह से भारत में बढ़ने वाली है पेट्रोल-डीजल की दाम
इजराइल-हमास की जंग का असर दुनियाभर में दिखने लगा है. दोनों देशों की जंग भारत की भी मुसीबतें बढ़ा सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि इजरायल-हमास युद्ध के चलते कच्चे तेल की आपूर्ति में कमी की आशंका बढ़ गई है. इस कारण कच्चे तेल की कीमतें इस साल 29 फीसदी बढ़ गई हैं. इससे ब्रेंट क्रूड वायदा 90 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया है. वहीं, अगर इजराइल और हमास का युद्ध नहीं रुका तो जल्द ही ये 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है. जो भारत की मुसीबतें बढ़ा सकता है.दरअसल, भारत क्रूड ऑयल का तीसरा सबसे बड़ा इंपोर्टर और कंज्यूमर है. इजरायल युद्ध के कारण भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ सकती है।
हालांकि उम्मीद यही है कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के बीच इस फिलहाल इसमें देरी हो. इतना ही नहीं इजराइल-हमास युद्ध के कारण भारत के बड़े कारोबारी घराने, जिसका कारोबार इजरायल में फैला है, उन्हें दिक्कत हो सकती है.अगर हम ऑफिशियल डाटा पर नजर डालें तो साल 2022-23 में पेट्रोलियम उत्पादों की खपत 10.2% बढ़ी, जिसके कारण पेट्रोल में 13.4%, डीजल में 12% और एयरक्राफ्ट टरबाइन फ्यूल में 47% की वृद्धि हुई. 2022-23 में घरेलू उत्पादन में 1.7% की गिरावट आने से आयातित कच्चे तेल पर हमारी निर्भरता 87.8% हो गई है. रियायती रूसी आपूर्ति के बावजूद, हमारा वार्षिक कच्चे तेल का आयात 158 बिलियन डॉलर था, जो 2021-22 की तुलना में 31% ज्यादा है. मात्रा के लिहाज से कच्चे तेल का आयात 9.4% बढ़कर 232.4 मिलियन मीट्रिक टन हो गया.पेट्रोलियम उत्पादों के उत्पादन में 4.8% की वृद्धि हुई और उनके आयात में 11.7% की वृद्धि हुई, लेकिन उनके निर्यात में 4.1% की गिरावट आई. कुछ वृद्धि 2021-22 के दौरान कम आधार प्रभाव के कारण हुई जब दूसरी कोरोना की लहर आई. नेचुरल गैस/एलएनजी के मोर्चे पर तस्वीर थोड़ी ही अलग थी, जहां हमारी लगभग 50% आत्मनिर्भरता है और वैश्विक कीमतें गिर गई हैं. हमारी तेल खपत में वार्षिक वृद्धि वित्त वर्ष 24 की पहली छमाही में घटकर 5.9% हो गई है.भारत की अर्थव्यवस्था के लिए यह जंग ग्रहण की तरह है. युद्ध के कारण भारत में महंगाई बढ़ सकती है. भारत की अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लग सकता है. भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है. अगर युद्ध पूरे पश्चिम एशिया में फैल गया तो कच्चे तेल (Crude Oil) की आपूर्ति बाधित होगी. जिसके कारण कच्चे तेल की कीमत में तेजी आएगी. कच्चे तेल की कीमत पहले से बढ़ी हुई है, इस युद्ध के कारण स्थिति और बिगड़ सकती है. कच्चे तेल की कीमत बढ़ते के बाद दबाब में आई तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी कर सकती है. भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने के मतलब है रोजमर्रा की चीजों में महंगाई बढ़ना. यानी आपके बटुए पर दबाव बढ़ेगा।