PFI के पूर्व प्रमुख अबू बकर को सुप्रीम कोर्ट से मिला बड़ा झटका,मेडिकल बेस पर जमानत देने से किया इंकार

 PFI के पूर्व प्रमुख अबू बकर को सुप्रीम कोर्ट से मिला बड़ा झटका,मेडिकल बेस पर जमानत देने से किया इंकार
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पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानि PFI के पूर्व प्रमुख ई अबू बकर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने अबू बकर को जमानत देने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इंकार कर दिया है. अबू बकर के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है. इसके पहले हाईकोर्ट की तरफ से भी जमानत याचिका खारिज हो चुकी है.सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एम एम सुंदरेश की अध्यक्षता वाली पीठ ने अबू बकर की ओर से दायर अंतरिम जमानत याचिका को खारिज किया है. कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत देने से इनकार किया.सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता अबू बकर को निचली अदालत जाने को कहा है.पिछले महीनों में मेडिकल आधार पर जमानत की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई थी.

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तब कोर्ट ने बकर को जमानत देने से इंकार कर दिया था. इसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट भी याचिका खारिज कर चुका है. मतलब साफ है कि अबू बकर की जिंदगी लंबे समय तक जेल में ही गुजरने वाली है.अबू बकर को 2022 में पीएफआई पर बड़े पैमाने पर की गई कार्रवाई के दौरान ही एनआईए ने गिरफ्तार किया था. तभी से वो जेल में बंद है. एनआईए के मुताबिक पीएफआई, उसके पदाधिकारियों और सदस्यों ने देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने की आपराधिक साजिश रची हैं, और इस उद्देश्य के लिए अपने कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण शिविर भी चलाए.सरकार ने 28 सितंबर, 2022 को पीएफआई और उसके कई सहयोगी संगठनों पर आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकवादी समूहों के साथ संबंध रखने का आरोप लगाते हुए कड़े आतंकवाद विरोधी कानून, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था.

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