भ्रष्टाचार के विरोध में जन संघर्ष यात्रा निकालेंगे पायलट,11 मई से 125 किमी करेंगे पैदल यात्रा
राजस्थान के सियासी गलियारों में 2023 के चुनावों से पहले बयानों का तूफान आ गया है. सूबे के मुखिया अशोक गहलोत ने रविवार को सीधे एक तीर से कई निशाने एक साथ लगाए जहां उन्होंने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को सरकार बचाने में साथ देने की बात कही और पायलट खेमे की बगावत का जिक्र करते हुए विधायकों को अमित शाह से लिए पैसे लौटाने की बात कही है. गहलोत के रविवार को दिए विस्फोटक बयान पर सचिन पायलट ने अपने विधायकों पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सीएम गहलोत के धौलपुर के भाषण को सुनकर ऐसा लगता है कि उनकी नेता सोनिया गांधी नहीं है, बल्कि वह वसुंधरा राजे को अपनी नेता मानते हैं.हालांकि आपकों बता दें कि राजस्थान के सीएम गहलोत और बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री वष्णुधरा के उपर भ्रष्टाचार करने के बाद कार्यवाही न करने पर सचिन पायलट ने पहले अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।जिसमे सचिन पायलट अपने विधायकों के साथ एकदिवसीय धरना प्रदर्शन पर बैठे हुए थे।लेकिन बाद में दिल्ली आलाकमान से बातचीत के बाद मामला शांत हो गया था।लेकिन एक बार फिर से मामला गरमा गया है।वही आपकों जानकारी देते चले कि पायलट ने कहा कि मैं 11 मई को अजमेर में आरपीएससी मुख्यालय से एक यात्रा निकालूंगा और मैंने जनता के बीच जाने का फैसला किया है. उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार और पेपर लीक जैसे मसलों पर नौजवानों के लिए पदयात्रा निकालने जा रहा हूं. पायलट के मुताबिक अजमेर से चलने वाली यह यात्रा 5 दिन बाद जयपुर पहुंचेगी और यह यात्रा किसी के विरोध में नहीं है.