संगम स्नान कर पीएम ने हिंदुओं को दिए कई संदेश,समझिए राजनीतिक मायने

 संगम स्नान कर पीएम ने हिंदुओं को दिए कई संदेश,समझिए राजनीतिक मायने
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पीएम नरेंद्र मोदी ने आज प्रयागराज संगम में डुबकी लगाई. माघ की अष्टमी के शुभ अवसर पर पीएम मोदी के संगम में स्नान करने को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. पीएम मोदी ने जिस ‘मुहुर्त’में संगम में डुबकी लगाई, उसी दिन दिल्ली विधानसभा चुनाव के मतदान और उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के मतदान का भी ‘मुहुर्त’ था.ऐसे में माना जा रहा है कि मोदी के इस डुबकी से राजनीतिक संदेश भी निकलेगा. बीजेपी को उम्मीद है कि इससे वो हिंदू वोट फिर उसके पास वापस आएगा, जो पिछले दिनों उससे छिटक गया था।पीएम नरेंद्र मोदी ने गंगा में डुबकी लगाकर उन आलोचनाओं पर भी विराम लगाने की कोशिश की है, जो वहां 29 जनवरी को मची भगदड़ के बाद की जा रही है.

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यह एक तरह से उत्तर प्रदेश सरकार की तैयारियों पर भी मुहर है, जो भगदड़ के बाद से विपक्ष के निशाने पर है.पीएम मोदी 2019 के कुंभ मेले में भी गंगा स्नान किया था. उन्होंने गंगा पंडाल में स्वच्छता ग्राहियों के पैर भी धोकर सामाजिक समरसता का संदेश दिया था. पीएम मोदी का समरसता का यह संदेश जनता तक पहुंचा भी था।देश में इन दिनों जातिगत सर्वेक्षण और जाति जनगणना की राजनीति का जोर है. विपक्ष की अधिकांश पार्टियां इसके समर्थन में हैं. कभी यह सामाजिक बदलाव और न्याय की राजनीति करने वाले दलों का प्रमुख एजेंडा हुआ करता था. लेकिन पिछले एक-दो साल से इसको लेकर कांग्रेस मुखर हुई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने हर राजनीतिक कार्यक्रम में इसकी बात करते हैं. उनका दावा है कि उनकी सरकार जाति जनगणना कराएगी. यहां तक कि उनकी राज्य सरकारों ने अपने राज्यों में जाति सर्वेक्षण कराए भी हैं. इन सरकारों का दावा है कि वो इसके आंकड़ों के आधार पर नीतियां बना रहे हैं।

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