PM मोदी को मिला फिजी का सर्वोच्च सम्मान,Fiji के पीएम ने किया सम्मानित
पीएम मोदीको फिजी के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया है. फिजी देश के प्रधानमंत्री सित्वनी राबुका द्वारा फिजी के सर्वोच्च सम्मान: कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी से सम्मानित किया गया है. गौर करने वाली बात ये है कि आज तक गिने-चुने गैर-फिजी लोगों को ही यह सम्मान मिला है. ऐसे में भारत के लिए इस सम्मान का अलग महत्व है. इसी के साथ रिपब्लिक ऑफ़ पलाऊ ने भी पीएम नरेंद्र मोदी को सम्मानित किया हैं।रिपब्लिक ऑफ़ पलाऊ ने पीएम मोदी को एबाक्ल अवार्ड सम्मानित किया. पीएम मोदी को ये दोनों अवॉर्ड पापुआ न्यू गिनी में ही दिए गए हैं. पीएमओ इंडिया ने ट्वीटर पर एक पोस्ट शेयर की. जिसमें लिखा है कि पलाऊ के राष्ट्रपति सुरंगेल व्हिप्स जूनियर ने प्रधानमंत्री को भेंट दी. पीएम नरेंद्र मोदी एबकल के साथ. यह पलाऊ के लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपकरणों में से एक है और इसका स्थानीय संस्कृति से गहरा संबंध है जो कि नेतृत्व और ज्ञान का भी प्रतीक है. वही दुसरी तरफ बता दें कि इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वेलकम करने के लिए ऑस्ट्रेलिया का सिडनी शहर पूरी तरह से तैयार है. ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज कहा है कि सिडनी में पीएम मोदी के साथ ऑस्ट्रेलिया के जीवंत भारतीय समुदाय के साथ जश्न मानने के लिए उत्सुक हूं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की मेजबानी करके मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं. वहीं पीएम मोदी सिडनी में हैरिस पार्क का नाम बदलकर ‘लिटिल इंडिया’ करेंगे. वही दुसरी तरफ बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पापुआ न्यू गिनी में भारत-प्रशांत द्वीप समूह सहयोग शिखर सम्मेलन में शामिल हुए है. इस दौरान समिट में अपनी बात को रखते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लिए पूरा विश्व एक परिवार की तरह है. वन फैमिल, वन फ्यूचर हमारा मूल मंत्र है. हमारे लिए पूरी दुनिया एक परिवार की तरह है. उसके बाद पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना काल में भई भारत ने कई देशों की मदद की थी.जिसका भली भांति उदाहरण दुनिया ने देखा था। अमेरिका हो या नेपाल सभी देशों को भारत ने मदद किया था।पीएम मोदी ने कहा कि भारत पापुआ न्यू गिनी का भरोसेमंद पार्टनर है. हम साथी देश की मदद करते हैं. इसके साथ-साथ उन्होंने सोलर अलायंस के साथ सभी देशों से जुड़ने की अपील भी की है। उन्होंने कहा हम आपके अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते हैं और भारत विविधता पर भरोसा करता है. भारत हर तरह की मदद के लिए तैयार है. बता दें कि इस समिट में 14 देश शामिल हुए हैं.समिट में कोरोना के प्रभाव का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी का प्रभाव ग्लोबल साउथ देशों पर सबसे अधिक पड़ा है. जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाएं, भुखमरी, गरीबी और स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियां पहले से ही थी अब फ्यूल, फर्टिलाइजर और फार्मा को लेकर नई परेशानियां उत्पन्न हो रही हैं.