US दौरे के बाद PM मोदी मिस्र रवाना,राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सिसी से करेंगे मुलाकात
पीएम नरेन्द्र मोदी अमेरिका की यात्रा संपन्न करके 24 जून को मिस्त्र पहुंचेंगे। यह वर्ष 1997 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली मिस्त्र यात्रा होगी। जबकि सिर्फ पिछले सात वर्षों में मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सिसी तीन बार भारत की यात्रा पर आ चुके हैं। पीएम मोदी की यह यात्रा कई मायने में काफी अहम होगी और इस बात का सबूत होगा कि दोनों देशों ने बदलते वैश्विक परिवेश में एक-दूसरे की अहमियत की पहचान कर ली है। वही दूसरी तरफ बता दें कि इधर आज वॉशिंगटन के रोनाल्ड रिगन में प्रवासी भारतीय को सम्बोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस हॉल में भारत का पूरा नक्शा नजर आ रहा है. हिंदुस्तान के हर कोने के लोग मुझे यहां नजर आ रहे हैं. ऐसे लग रहा है कि जैसे मिनी इंडिया उमड़ा है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत अमेरिका बेहतर भविष्य की तरफ कदम उठा रहे हैं. वही दूसरी तरफ बता दें कि इधर अमेरिकी दौरे के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाशिंगटन के रोनाल्ड रीगन सेंटर में प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने अपने चार दिवसीय दौरे से जुड़ी कई बातें बताईं. पीएम मोदी ने कहा कि अमेरिका ने बैंगलुरु और अहमदाबाद में दो कंसुलेट खोलने का ऐलान किया है. इससे लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा मिलेगा.इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने H-1B वीजा से जुड़ी बातें बताई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि H-1B वीजा अमेरिका में ही रिन्यू होगा. इसके लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. वीजा रिन्यू के लिए इसी साल पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो रहा है. उन्होंने कहा कि नए वीजा नियमों से भारतीयों के लिए अमेरिका में रहना और काम करना आसान हो जाएगा.पीएम मोदी ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट को आने वाले समय बड़ी संख्या में विस्तारित किया जा सकता है. वित्तीय वर्ष 2022 में अमेरिका ने कुल जितने अमेरिकी एच-1बी वीजा जारी किए थे, उनमें से 73 फीसदी करीब 4,42,000 वीजा इंडियन को ही जारी किए गए थे. नई दिल्ली में यूएस एंबेसी दुनिया के सबसे बड़े यूएस डिप्लोमैटिक मिशनों में से एक है. अमेरिकी दूतावास चार कंसुलेट्स से वीजा से संबंधित कार्यों को कोऑर्डिनेट करता है. इससे यह सुनिश्चित होता है कि अमेरिका-भारत के संबंध मजबूत हैं.