19 मई से 24 मई तक तीन देशों की यात्रा पर जाएंगे पीएम मोदी,G-7 देशों के प्रमुखों की बैठक में होंगे शामिल
पीएम नरेन्द्र मोदी 19 मई से 24 मई तक तीन देशों की यात्रा पर जाएंगे। पीएम मोदी सबसे पहले 19-21 मई तक जापान के पीएम किशिदा फूमियो के आमंत्रण पर हीरोशिमा जाएंगे जहां वह जी-सात देशों के प्रमुखों की बैठक में हिस्सा लेंगे।जी-सात दुनिया के सबसे अमीर सात देशों का संगठन है और पिछले कुछ वर्षों से इसकी कई शीर्ष बैठकों में भारतीय पीएम को भी आमंत्रित किया जाता रहा है। यहां पीएम मोदी के अलावा जापान, ब्रिटेन, इटली, कनाडा, अमेरिका, जर्मनी और फ्रांस के राष्ट्र प्रमुख भी होंगे। इस बैठक में मुख्य तौर पर यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद वैश्विक स्तर पर ऊर्जा, खाद्यान्न और उर्वरक संकट की मौजूदा स्थिति और वैश्विक आर्थिक हालात को लेकर चर्चा होगी। दरअसल बता दें कि पीएम मोदी की हीरोशिमा में कुछ देशों के प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय बैठक भी होने की संभावना है। हीरोशिमा के बाद पीएम 21 और 22 मई को पापुआ न्यू गिनी में हिस्सा लेंगे। वहां फोरम ऑफ इंडिया-पैसिफिक आइलैंड कापरेशन की तीसरी बैठक होगी। इसमें प्रशांत क्षेत्र के 14 द्वीप देश हिस्सा लेंगे। इस फोरम की बैठक की शुरुआत पीएम मोदी की तरफ से ही की गई थी। वहां पीएम मोदी की पापुआ न्यू गिनी के पीएम से द्विपक्षीय मुलाकात होगी। वही इधर बताते चले कि रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत होने के बाद से ही तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का सिलसिला देखने को मिलने लगा है. युद्ध को लेकर रूस पर प्रतिबंध लगाए गए, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ा. इसी बीच भारत ने सस्ती दरों पर रूस से तेल खरीदना जारी रखा. इसे लेकर भारत पर उंगलियां उठीं, जिसका सभी को माकूल जवाब भी मिला है. भारत से बार-बार रूसी तेल खरीदने को लेकर सवाल किया जा रहा है. ऐसा ही एक सवाल यूरोपियन यूनियन के फॉरेन पॉलिसी चीफ ने भी दिया, जिसका उन्हें ‘मुंहतोड़’ जवाब मिला है. वही बता दे कि दरअसल, यूरोपियन यूनियन के फॉरेन पॉलिसी चीफ जोसेफ बोरेल ने भारत के रिफाइंड प्रोडक्ट्स पर कार्रवाई की मांग की, जिन्हें रूसी तेल के जरिए तैयार किया जा रहा है. इसके जवाब में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जोसेफ को सलाह दी कि उन्हें EU काउंसिल रेगुलेशन को देखना चाहिए. जयशंकर ने कहा कि ईयू काउंसिल रेगुलेशन में साफ-साफ लिखा है कि जब रूसी तेल किसी तीसरे देश में बदला गया है और अब इसे रूसी नहीं माना जा सकता है. मैं आपको कहूंगा कि आप काउंसिल के रेगुलेशन 833/2014 को देखें.