गांव की सरपंच से बोले पीएम नरेंद्र मोदी-अपनी कुर्सी संभालिए नहीं तो..
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ के लाभार्थियों के साथ बातचीत की. बातचीत के दौरान एक दिलचस्प घटना घटी. एक गांव की सरपंच बलवीर कौर अपनी कुर्सी के पास खड़ी थीं. ठीक उसी वक्त एक महिला लाभार्थी ने उनकी जगह पर बैठने की कोशिश की. तभी इसपर पीएम मोदी की नज़र पड़ी और उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, ”आप अपनी कुर्सी संभालिए, नहीं तो इसके लिए कई नए दावेदार आ रहे हैं.”पीएम मोदी ने कार्यक्रम के दौरान दावा किया कि उनके 10 साल के काम को देखने के बाद लोगों का उनकी सरकार पर बहुत भरोसा बढ़ा है. साथ ही उन्होंने पुरानी सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि पहले की सरकारें अपने आप को नागरिकों का ‘माई-बाप’ समझती थीं और वोट-बैंक को ध्यान में रख कर ही काम किया करती थीं.पीएम मोदी ने आगे कहा, ” पहले की सरकारें सामंती मानसिकता वाली सरकार रहीं. इसलिए आजादी के दशकों बाद भी आबादी का एक बड़ा हिस्सा बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहा.” प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की पीठ थपथपाई और कहा कि उनके लिए गरीब, युवा, महिलाएं और किसान, यही चार बड़ी जातियां हैं.प्रधानमंत्री कार्यालय ने जो बयान जारी किया है, उसके मुताबिक, ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ के जरिये सरकार की कोशिश है कि मोदी सरकार की जो भी प्रमुख योजनाएं हैं, उसका फायदा सभी लाभार्थियों को मिल सके।
सरकार का कहना है कि वह एक नियत समय के भीतर लाभार्थियों तक इन योजनाओं को पहुंचाना चाहती है और इसी मकसद के तहत सरकार विकसित भारत संकल्प यात्रा की तरफ बढ़ रही है.‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ के तहत सरकार का दावा है कि उनकी प्रचार गाड़ी 12,000 से अधिक पंचायतों तक पहुंच चुकी है और 30 लाख से अधिक लोगों को इससे फायदा पहुंचने का सरकारी दावा है. प्रधानमंत्री ने आज, गुरूवार को रियायती दरों पर दवाएं बेचने वाले जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाने को लेकर की भी एक जरूरी पहल की. सरकार प्रयास कर रही है कि ऐसे केंद्रों की संख्या 10,000 से बढ़ाकर 25,000 की जाए.प्रधानमंत्री ने ‘ड्रोन दीदी योजना’ को भी लॉन्च किया. इस योजना के तहत सरकार का लक्ष्य है कि 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों तक ड्रोन पहुंचाई जाए. सरकार यह 2024-25 से 2025-2026 के बीच करना चाहती है. सरकार का कहना है कि इन 15,000 ड्रोन्स को ये महिला स्वयं सहायता समूह, किसानों को किराये पर देंगी जिसका इस्तेमाल वो खेती से जुड़े कामकाज में कर सकते हैं।