अमेरिका से प्रीडेटर ड्रोन चार गुना ज्यादा कीमत पर खरीदा गया: कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर लगाए आरोप
कांग्रेस ने अमेरिका के साथ हुई ड्रोन डील पर सवाल उठाए हैं. पवन खेड़ा ने कहा है कि प्रीडेटर ड्रोन चार गुना ज्यादा कीमत पर खरीदा गया है. प्रीडेटर ड्रोन की खरीद में राफेल दोहराया जा रहा है. हम 880 करोड़ प्रति ड्रोन के हिसाब से खरीद रहे हैं जो बाकी देशों से 4 गुना ज्यादा है. वही दूसरी तरफ बता दें कि इधर पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान कई बड़े समझौते होने की उम्मीद है. भारत और यूएस के रणनीतिक संबंध हैं. इस वक्त दुनिया की राजनीति बदली हुई है. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण कई देशों के लिए विकट समस्या खड़ी हो गई. अमेरिका, ब्रिटेन सहित यूरोप के ज्यादातर देश यूक्रेन के साथ खड़ा है. लेकिन चीन रूस को समर्थन दे रहा है. चीन ऐसा इसलिए कर रहा है क्योंकि रूस-भारत के दशकों पुराने संबंध रहे हैं.चीन-भारत के संबंधों में तनाव है. चीन ऐसा करके रूस को अपने पाले में करने की योजना बना रहा है. रूस कहीं न कहीं भारत-अमेरिका के बीच बढ़ते संबंधों से भी कुछ नाखुश है. हालांकि जब से रूस और यूक्रेन का युद्ध शुरू हुआ है भारत ने कहीं भी रूस के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया. पीएम मोदी के इस दौरे पर दोनों देशों के बीच डिफेंस, टेक्नॉलिजी, साइबर सिक्योरिटी, बिजनेस संबंधी कई डील हो सकती है.अमेरिका ने भारत को स्ट्राइकर बख्तरबंद सैन्य वाहन और अपग्रेड M777 गन देने का ऑफर किया है. इनके शामिल हो जाने से सैन्य ताकत में बढ़ोत्तरी होगी. वो भी ऐसे वक्त पर जब चीन, भारत पर नजरें गड़ाए बैठा है. ड्रैगन का आप भरोसा नहीं कर सकते. इसलिए हर वक्त तैयारी पूरी होनी चाहिए. करीब एक पखवाड़े पहले सैटेलाइट तस्वीरों से चीन की नापाक हरकतों का खुलासा हुआ था.