मणिपुर में लागू हो सकता है राष्ट्रपति शासन,आज समाप्त हो रही है संवैधानिक सीमा

मणिपुर में लंबे समय से चल रहे हिंसा के बीच मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता बढ़ गई है. बीरेन सिंह फिलहाल कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश का कामकाज देख रहे हैं. वहीं अब आज अगर बीजेपी नए सीएम का चयन नहीं कर पाती है और विधानसभा सत्र नहीं बुलाया जाता है तो राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है.हालांकि अब सूत्रों के अनुसार खबर है कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होगा. सूत्रों के अनुसार बीजेपी सरकार बनाने के लिए कोई कदम नहीं उठाएगी.दरअसल संविधान के मुताबिक राज्यों की विधानसभा की दो बैठकों के बीच में 6 महीने से ज्यादा का अंतर नहीं होना चाहिए पर मणिपुर विधानसभा के संदर्भ में ये संवैधानिक समय सीमा आज (बुधवार) को खत्म हो रही है. साथ ही अभी तक राज्य में कई बैठकों के दौर के बाद भी किसी दल या गठबंधन ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है. ऐसे में राज्य में राष्ट्रपति शासन की संभावना बढ़ गई है.

हालांकि सूत्रों का ये भी दावा है कि विधानसभा के दो सत्रों के बीच अधिकतम 6 महीने के अंतर पर संवैधानिक प्रावधान ये स्पष्ट तौर पर नहीं कहते कि 6 महीने बाद विधानसभा को भंग ही कर दिया जाना चाहिए. ऐसे में सरकार गठन को लेकर संभावना तलाशने की कोशिश जारी रहेगी. अगर सरकार गठन को लेकर कुछ ठोस संभावना नहीं बनती है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है. जिस पर फैसला पीएम मोदी के विदेश दौरे से लौटने के बाद हो सकता है.