लोकसभा चुनाव की तैयारी के बीच RSS एक्टिव,3 दिनों तक अयोध्या में बैठक करेंगे संघ चीफ भागवत
लोकसभा चुनावों की आहट के बीच यूपी में RSS की सक्रियता बढ़ गई है. अगले साल की शुरूआत में अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन तय है. संघ की ये सबसे बड़ा एजेंडा रहा है. संघ के दो और बड़े लक्ष्य रहे हैं कश्मीर से धारा 370 ख़त्म करना और यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने UCC लाने के संकेत दे दिए हैं. अब बड़ी जानकारी मिली है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत भी अगले महीने अयोध्या पहुंच रहे हैं. यहां 19, 20 और 21 जुलाई को संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल की बैठक होने वाली है. तीन दिनों तक चलने वाली बैठक में RSS से जुड़े तमाम संगठनों के काम काज की समीक्षा होगी. विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के पदाधिकारी भी इसमें शामिल होंगे. बताया गया है कि संघ की इस बैठक में 40-42 लोग शामिल होंगे. ये बैठक अयोध्या में RSS के नए बने ऑफिस साकेत निलयम में होगी. वही दूसरी तरफ इधर आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज बिहार के लखीसराय में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे. अमित शाह दो महीने के अंदर दूसरी बार बिहार आ रहे हैं. शाह ऐसे समय में बिहार दौरे पर आ रहे हैं, जब 23 जून को बीजेपी विरोधी दलों का पटना में महाजुटान हुआ है. इसके बाद कहा जा रहा है कि अमित शाह के निशाने पर नीतीश कुमार की विपक्षी एकता होगी. वह विपक्षी एकता पर एक के बाद एक कई हमले कर सकते हैं.साथ ही अमित शाह लखीसराय में ललन सिंह पर भी हमलावर होंगे. बीजेपी नीतीश कुमार के सबसे करीबी कहे जाने वाले ललन सिंह को घेरने की पूरी तैयारी कर रही है. लखीसराय ललन सिंह के संसदीय क्षेत्र मुंगेर का हिस्सा है. बीजेपी ललन सिंह को मुंगेर में मात देकर नीतीश कुमार को बिहार विधानसभा चुनाव से पहले यह बताने की कोशिश करेगी कि बिहार में बिना बीजेपी की उसकी राजनीतिक हैसियत ज्यादा नहीं है. साथ ही वह ललन सिंह को भी सबक सिखाना चाहेगी.दरअसल, बीजेपी ये मानती है कि नीतीश के पाला बदलने में ललन सिंह की खास भूमिका रही है. ललन सिंह ने राबड़ी देवी के साथ मिलकर नीतीश के महागठबंधन में साथ जाने का प्लान तैयार किया था. बीते मंगलवार को बीजेपी नेता सुशील मोदी ने भी कहा था कि ललन सिंह के कहने पर ही नीतीश कुमार ने पाला बदला था. ललन सिंह अब दोबारा लोकसभा का मुंह नहीं देख पाएंगे. अब ये संयोग कहें या बीजेपी की राजनीति. बीजेपी के नेता पिछले कुछ दिनों से नीतीश कुमार से ज्यादा ललन सिंह पर हमलावर हैं.